8 से 10 बीघा खेत में लगी आग सैकड़ो कुंटल गेहूं जलकर हुआ राख, नहीं लगा हंड्रेड डायल को फोन ट्रैक्टर चला चला कर बुझाई किसानों ने आग, नहीं है बमोरी ब्लॉक में फायर ब्रिगेड की सुविधा
अभिनय मोरे
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
गुना।गुना जिले की बमोरी विधानसभा क्षेत्र के किशनगढ़ गांव में 8 से 10 बीघा खेत में अचानक आग लग गई। जिससे सैकड़ो कुंटल गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। मिली जानकारी के अनुसार बमोरी विधानसभा क्षेत्र के बमोरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत किशनपुरा गांव में अलग-अलग किसान के खेतों मैं आग लग गई। जिसमें कुमार सिंह की दो बीघा, एवं जुबान सिंह की पांच बीघा, सहित रमेश किसान की दो बीघा खेत में आग लग गई। जिसमें गेहूं की फसल खड़ी हुई थी। तीनों किसान की मिलाकर लगभग 9 से 10 बीघा खेत में आग लगी। आग लगने की सूचना डायल हंड्रेड को किसानों ने देना चाही तो डायल हंड्रेड का फोन नहीं लगा। किसानों ने खेतों में ट्रैक्टर चला कर आग पर काबू करने की कोशिश की। जब तक फसल जलकर राख में बदल गई थी। वही आग लगने का कारण बिजली के तारों में स्पार्किंग होना बताया जा रहा है। वहीं यदि बमोरी ब्लॉक की बात की जाए तो समय-समय पर कांग्रेस और भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने विकसित किया है, मंत्री भी रहे हैं। शासन में परंतु वर्षों बीतने के बाद भी सरकारें आई और गई। विधायक भी आते-जाते बने रहे। वही अपने आप को परिवार का मुखिया मानने वाले केंद्रीय मंत्री एवं गुना, शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के लोकसभा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया जो की शिवपुरी, गुना, बमोरी, अशोकनगर की जनता को अपना परिवार का सदस्य मानते हैं, परंतु परिवार के सदस्यों के लिए खास करके बमोरी में अब तक आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की व्यवस्था नहीं की गई। जबकि सिंधिया और तत्कालीन के विधायक पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया करोड़ों रुपए के विकास कार्य की गौरव गाथा गाया करते थे, परंतु जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर आगजनी जैसी दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की व्यवस्था कर पाने में नाकाम ही सिद्ध हुए हैं। अधिकांश गर्मी के मौसम में आग जनी की घटनाएं होती हैं। और गुना जिला मुख्यालय चौकी 50 किलोमीटर दूर बमोरी से पड़ता है, या फिर राजस्थान से फायर ब्रिगेड आकर आग पर देखा भी के रूप में काबू पाने के लिए पहुंचती हैं। जब तक फायर ब्रिगेड पहुंचती है, तब तक सब कुछ जलकर खाक हो जाता है। और फायर ब्रिगेड पहुंचने की रसमलाई की भी हो जाती है। बमोरी विधानसभा क्षेत्र में गर्मियों के दिनों में आगजनी की घटनाएं होने पर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परंतु जिला प्रशासन अब तक इस और कोई गौर कर पाने में नाकाम ही साबित हुआ है। वहीं जनप्रतिनिधियों की बात की जाए तो जनप्रतिनिधि केवल जनता को अपना वोट बैंक ही मानते हैं। और चुनाव जीतने के बाद आम जनता की और मतदाताओं की समस्याओं को भूल जाते हैं। समस्याएं तो दूर की बात अपने द्वारा किए हुए वायदे ही नहीं निभा पाते हैं। फिर भी जनप्रतिनिधि चाहे कांग्रेस पार्टी के हो या फिर भारतीय जनता पार्टी के फिर वह विधायक हो या फिर सांसद ही क्यों ना हो सबका एक ही रवैया जनता से सिर्फ वोट लो और उनकी समस्याओं को नजर अंदाज करो। उम्मीद की जाना चाहिए बमोरी विधानसभा क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधि करने का प्रयास करेंगे, फिलहाल तो उम्मीद है ना के बराबरी हैं। फिलहाल तो 8 से 10 बीघा खेत में आग लग गई। और किसान की सैकड़ो कुंटल फसलजलकर खाक हो गई।