यूपी में BJP के 2 सांसदों ने चुनाव लड़ने से मना किया : • गाजियाबाद के सांसद रिटायर्ड जनरल वीके सिंह • कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी
लखनऊ, निवर्तमान लोकसभा में गाजियाबाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य और केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह और कानपुर से पार्टी सांसद सत्यदेव पचौरी ने रविवार को आम चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की।पचौरी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है, वहीं वीके सिंह ने सोशल मीडिया पर अपने चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी साझा की।इस बीच, भाजपा ने गाजियाबाद से विधायक व पूर्व मंत्री अतुल गर्ग को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी ने कानपुर से रमेश अवस्थी को अपना उम्मीदवार बनाया है।केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए अपने एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सैनिक के रूप में इस राष्ट्र की सेवा में अपना सारा जीवन समर्पित किया है। पिछले 10 वर्षों से, मैंने गाजियाबाद को एक विश्वस्तरीय शहर बनाने के सपने को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया है।’’
इसी पोस्ट में गाजियाबाद के सांसद ने कहा, ‘‘इस यात्रा में, देश और गाजियाबाद के नागरिकों के साथ-साथ भाजपा के सदस्यों का जो विश्वास और प्रेम मुझे प्राप्त हुआ है, उसके लिए मैं आभारी हूं। यह भावनात्मक बंधन मेरे लिए अमूल्य है।’’
उन्होंने कहा,‘‘’इन भावनाओं के साथ, मैंने एक कठिन, परंतु विचारपूर्ण निर्णय लिया है। मैं 2024 के चुनावों में नहीं लड़ूंगा। यह निर्णय मेरे लिए आसान नहीं था, परंतु मैंने इसे अपने दिल की गहराइयों से लिया है।’’
वी.के. सिंह ने कहा, ‘‘ मैं अपनी ऊर्जा और समय को नई दिशाओं में ले जाना चाहता हूं, जहां अपने देश की सेवा अलग तरीके से कर सकूं। इस यात्रा में आपके साथी रहने के लिए मैं आप सब को दिल से धन्यवाद देता हूं। आपके प्यार, समर्थन और विश्वास ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है। आगे भी, मैं देश और सब नागरिकों के प्रति अपनी सेवा जारी रखूंगा, बस एक नए रूप में।’’
वी.के. सिंह गाजियाबाद से 2014 में पहली बार सांसद चुने गये और दोबारा 2019 में भी उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी।
इसके पहले सत्यदेव पचौरी ने पार्टी अध्यक्ष को भेजे गये पत्र में कहा, ‘‘माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, आपसे विनम्र आग्रह है कि मैं वर्तमान कानपुर लोकसभा-2024 का चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं हूं। अत: मेरे नाम पर विचार न किया जाए। मैं पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं और पार्टी के द्वारा दिये गये दायित्वों का निर्वहन करता रहूंगा।’’
पचौरी ने हस्ताक्षरित पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने आधिकारिक हैंडल पर भी साझा किया। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी तक कानपुर सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
करीब 77 वर्षीय सत्यदेव पचौरी 2019 में कानपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे। 2014 में कानपुर से लोकसभा चुनाव जीते भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की जगह पार्टी ने 2019 में पचौरी को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत दर्ज की। उससे पहले 2017 में वह कानपुर नगर जिले से विधानसभा सदस्य चुने गये थे और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे।
वह पहली बार 1991 में विधान सभा का सदस्य चुने गये थे और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1960 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी।
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