कमलनाथ को झटका : नकुलनाथ की नामांकन रैली में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना शामिल नहीं हुए


 छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इससे पहले नकुलनाथ ने सुबह शिकारपुर के मंदिर में पूजा अर्चना की फिर अपने सह परिवार सहित कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रकिया पूरी की. इस मौके पर उनके साथ पिता पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ माँ अलकानाथ और पत्नी प्रियानाथ मौजूद थी. लेकिन नामांकन रैली इस बार जो नजारा दिखा वो पिछले 40 वर्षों में कभी नही दिखा. इस बार पूर्व मंत्री और कमलनाथ के राइट हैंड माने जाने वाले दीपक सक्सेना कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ के नामांकन के दौरान उपस्थित नहीं थे. नामांकन रैली में भी वो मौजूद नहीं थे हालांकि मंच पर उनके नाम की खाली कुर्सी जरूर नजर आई.

रैली में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के नाम की कुर्सी खाली नजर आई

मंच पर नामांकन रैली में शामिल होने आए कांग्रेस पदाधिकारियों के नाम की कुर्सी रखी हुई थी जिसमे एक पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के नाम की भी कुर्सी लगाई गई थी. जो खाली नजर आई. वहीं नकुलनाथ की नामांकन रैली में शामिल होने आये जिले के समस्त कांग्रेसी कार्यकर्ता समेत पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ,पूर्व सांसद श्रीमती अलका नाथ,नकुल नाथ की पत्नी प्रिया नाथ प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी,नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित हजरों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे. दीपक सक्सेना नकुलनाथ के प्रस्तावक बने थे. लेकिन रैली में शामिल नही हुए थे. हालांकि नामांकन पत्र में तीन और प्रस्तावक बनाये गए है जिससे पांढुर्ना विधायक नीलेश उईके, परासिया विधायक सोहन वाल्मीकि, और कांग्रेस महिला अध्यक्ष किरण चौधरी का नाम शामिल है ये सभी वहां मौजूद थे. लेकिन पूर्व मंत्री की गैर मौजूदगी से राजनीतिक पारा चढ़ गया है.

अभी हाल में दीपक सक्सेना ने छोड़ा है कांग्रेस का साथ

हाल ही में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कांग्रेस,और सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया था. दीपक ने पार्टी के नेताओं को एक चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें लिखा गया था, ‘मैं साल 1974 से कांग्रेस का सदस्य रहा हूं। साल 1990 से सात बार विधानसभा का चुनाव लड़ा। एमपी कांग्रेस कमेटी में दिग्विजय सिंह के साथ पांच साल तक सह सचिव पद पर रहा हूं. चिठ्ठी के अंत मे लिखा गया था कि वर्तमान परिस्थितियों में मैं अपने दायित्वों का पालन नहीं कर सकूंगा। इसलिए मैं विधायक प्रतिनिधि और संगठन के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.’

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