भगवान बुद्ध के शिष्य अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों अस्थियां पुनः सांची स्तूप मंदिर लाया गया विधिवत पूजा के बाद पवित्र अवशेषों को चैत्यगिरी बिहार मंदिर में बने तलघर में रखा गया सुरक्षित
अरुण कुमार शेंडे
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
रायसेन ऐतिहासिक नगरी सांची में भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को थाईलैंड से वापस सांची में बौद्ध स्तूप पसिर में स्थित चैत्यगिरी विहार मंदिर में लाया गया यहां भारत सरकार द्वारा अधिकृत तथा राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधिव्यूज एक्सप्रेस श्री डीजे प्रदीप द्वारा अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को महाबोधी सोसायटी श्रीलंका के प्रमुख श्री वानगल उपतिस्स नायक थेरो तथा कलेक्टर श्री अरविंद दुबे को सौंपा गया बौद्ध स्तूप परिसर स्थित मंदिर में इन पवित्र अवशेषों को विधिवत पूजा-अर्चना कर सुरक्षित रूप से तलघर में रखा गया पवित्र अवशेषों को मंदिर में लाते समय गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया सुरक्षित तरीके से पूर्ण प्रक्रिया का अभिलेखीकरण वीडियोग्राफी तथा पंचनामा भी तैयार कराया गया इस अवसर पर आईबीसी के डायरेक्टर श्री विजयेंद्र थापा, पुलिस अधीक्षक श्री विकास शहवाल भी उपस्थित रहे उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के उपरांत सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को 14 फरवरी 2024 को सांची से भोपाल और फिर दिल्ली ले जाया गया वहां से इन पवित्र अवशेषों को दर्शनार्थ हेतु थाईलैंड बैंकाक और कंबोडिया विहार ले जाया गया दिनांक 22 फरवरी से 18 मार्च 2024 तक थाईलैंड और विभिन्न शहरों में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को अनुयायियों और आमजन के अवलोकन के लिए ष्बुद्धभूमि भारतष् पैवेलियन में रखा गया लगभग 40 लाख से अधिक बौद्ध श्रृद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों के दर्शन किए