करीला धाम मैं सीएम मोहन यादव ने किए दर्शन, यहां देवी सीता के साथ होती है लव-कुश की पूजा
करीला धाम में रंगपंचमी के अवसर लगने वाला तीन दिवसीय मेला शुक्रवार से प्रारंभ हो गया। पहले दिन करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में पहुंचकर मन्नतें मांगी और मां के दर्शन किए। इस मेले में रंगपंचमी के दिन सर्वाधिक श्रद्धालु उमड़ते हैं। शनिवार को रंगपंचमी के अवसर पर करीब 20 लाख श्रद्धालुओं के करीला आने का अनुमान देखते हुए प्रशासन ने व्यवस्थाएं की हैं। करीला तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की तुलना में वाहन नाकाफी है, ऐसे में ओवरलोडिंग वाहनों में लोगों को करीला जाते हुए देखा गया।करीला में मां जानकी के दरबार में भरने वाला मेला मुख्य रूप से रंगपंचमी के दिन ही भरता है।
पहली बार करीला मेला में मोबाइल फायरब्रिगेड की व्यवस्था
करीला मेला में पहली बार आपातकालीन परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और पुलिस द्वारा मोबाइल फायरब्रिगेड का इंतजाम किया गया है। ग्वालियर से आईं इन दो मोबाइल फायरब्रिगेड को अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है। लाखों की संख्या में मेले में श्रद्धालुओं के आने से बड़े वाहनों के आवागमन में समय लगता है। ऐसे में आपातकालीन समय में ये मोबाइल फायरब्रिगेड कम समय में आसानी से पहुंचकर जरूरत के समय अपना काम कर सकेंगे। जिले की तहसील बहादुरपुर की ग्राम पंचायत जसैया के करीला धाम स्थित माता जानकी मंदिर में रंगपंचमी में आज लाखों श्रद्धालु पहुंचकर मां जानकी के दर्शन करेंगे।
मां जानकी मंदिर करीला धाम मेला में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहेगा। मेला में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर श्रद्धालु इन नंबरों 9238342862, 9301127067, 8319704287, 7724885561, 9302454224, 9303691335 पर शिकायत कर सकते हैं।
सात सेक्टर में बांटा है मेला
मेला परिसर में श्रद्धालुओं के आवागमन एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए 07 सेक्टर बनाये गये हैं, जिसमें अधिकारियों, कर्मचारियों का दल बनाकर ड्यूटी लगाई है। साथ ही मेला परिसर में जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है। मेला में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अस्थाई अस्पताल बनाये गये हैं। मेला में अलग-अलग स्थान चिन्हित कर 11 एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। मेला परिसर में निगरानी के लिए ड्रोन एवं सीसीटीव्ही कैमरे से निगरानी रखी जा रही है। करीला मेला में श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी है। मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं एवं सुरक्षा व्यवस्था के बेहतर इंतजाम किए गए हैं।
ये व्यवस्था भी उपलब्ध
-डे-शेल्टर होम के प्रथम तल पर 20 पलंग की अस्थाई अस्पताल बनाई गई है, वहीं ओपीडी में 6 पलंग और छह जगहों पर स्वास्थ्य काउंटर बनाए।
-इलाज के लिए 20 डॉक्टर सहित 138 स्वास्थ्य स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही नौं एम्बुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था भी है।
-पेयजल के लिए 100 स्थानों पर टोंटियां लगाई गई हैं और 300 टेंकरों की व्यवस्था की गई है। हालांकि टेंकरो की व्यवस्था बी प्लान में रखी गई है।
-200 सीसीटीवी कैमरों से मेले पर नजर रखी जा रही, दो ड्रोन भी लगाए गए हैं, जिनसे मेले पर नजर रखी जा रही है।
-मेला में निगरानी रखने के लिए इस बार 11 घुड़सवार पुलिसकर्मी भी तैनात।
रंग पंचमी मेंदर्शन का है विशेष महत्व
होली की रंगपंचमी का दिन करीला धाम के लिए विशेष माना गया है. इस दिन पूरे गांव मे उत्सव का माहौल रहता है.माना जाता है कि इस दिन सीता माता ने अपने पुत्र लव कुश को जन्म दिया था. इसी जन्म के उत्सव को यहां आए हुए श्रद्धालु बड़े हर्ष के साथ मनाते है. इस कार्यक्रम का आयोजनसालोंकिया जा रहा है. इस दिन लाखो की संख्या में लोग शामिल होने यहां पहुंचते है. मां जानकी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते है. इस बार 29 अप्रेल को यह दिन है.
मंदिर की यह मान्यताएं
यहां ऐसी मान्यता है कि लोग अपनी संतान प्राप्ति के लिए इस मंदिर में मां जानकी को नारियल, अगरबत्ती,चुंदरी अर्पण करते है और चुंदड़ी बांधने की भी प्रथा यहां वर्षो से चली आ रही है. जिन श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण होती है वो यहां आकारबधाई गीत के साथ राई नृत्य करवाकर खुशी जाहीर करते है. यहां ऐसी भी मान्यता है कि जिन लोगोंके विवाह में बाधा आती है. वह मां जानकी के दरबार में उल्टे हाथ से हल्दी लगाकर मनोकामना मांगते है तो उनकी विवाह हो जाती है. उस नवयुगल का जोड़ा उन हल्दी के साथ फिर से मां का आशीर्वाद लेने आते है. इस मंदिर के गर्भ गृह में बताया जाता है कि एक प्राचीन गुफा भी है. जिसमें हमेशा धुनचलता है.रंग पंचमी के दिन इस गुफा के अंदर स्थित भगवान के दर्शन काविशेष महत्व माना गया है.
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