पहले चरण के लिए प्रचार थमा, 102 सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन की कैसी स्थिति?



लोकसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार अभियान बुधवार को थम गया। पहले चरण का मतदान (शुक्रवार) 19 अप्रैल को है। पहले दौर के चुनाव में 21 राज्यों की कुल 102 सीटों पर वोटिंग है। इस चरण में मतदाता चुनाव मैदान में उतरे 1625 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। 
2019 में पहले चरण में कुल 91 सीटों के लिए मतदान कराए गए थे। इनमें से 31 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। वहीं, कांग्रेस के महज नौ उम्मीदवार जीतने में सफल रहे थे। इसके अलावा 51 सीटों पर अन्य दलों ने कब्जा जमाया था.
पहले चरण में उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, नगीना, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, पीलीभीत और रामपुर सीट पर चुनाव होना है। राजस्थान की बात करें तो गंगानगर, बीकानेर, चूरू झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, नागौर, अलवर सीट पर वोटिंग होनी है। इसी तरह मध्य प्रदेश की सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा और मंडल सीट पर वोटिंग होनी है। असम की बात करें तो वहां पर कांजीरंगा, सोनितपुर, तखीमपुर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट में वोटिंग होने जा रही है।
इसी तरह बिहार की औरंगाबाद, नवादा, जमुई और गया सीट पर भी मतदान होने जा रहा है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर रामटेक, नागपुर चिमूर, चंद्रपुर, भंडारा-गोंडिया सीट पर मतदान होना है। छत्तीसगढ़ की भी बस्तर सीट पर 19 अप्रैल को ही वोट डाले जाएंगे। इसी तरह जम्मू कश्मीर की उधमपुर, अरुणाचल प्रदेश की अरुणाचल पश्चिम, अरुणाचल पूर्व तो त्रिपुरा की त्रिपुरा पश्चिम सीट पर भी मतदान पहले चरण में होने जा रहा है। देवभूमि उत्तराखंड की टिहरी गढ़वाल, नैनीताल, उधम सिंह नगर, हरिद्वार में भी मतदान होने जा रहा है। इसी तरह मिजोरम, पुडुचेरी और तमिलनाडु की सभी सीटों पर पहले चरण में ही वोटिंग हो जाएगी।
सिक्किम, नगालैंड, अंडमान और निकोबार और पश्चिम बंगाल की कूचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी में भी पहले चरण में ही मतदान होने जा रहा है। अब पहले चरण के चुनाव में कई मुद्दे सभी पार्टियों के लिए हावी रहे हैं। बात चाहे भ्रष्टाचार की हो, इलेक्टोरल बांड की हो, हर मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला है। अगर प्रधानमंत्री मोदी ने मेरठ से अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत की तो वहां उन्होंने सबसे ज्यादा प्रमुखता से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।

पीएम मोदी ने उस रैली में भ्रष्टाचार को खत्म करने की कसम खाई थी और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गारंटी दी थी। इसके अलावा पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और गन्ना किसानों का मुद्दा भी लगातार उठाया। दूसरी तरफ यूपी की धरती से अखिलेश यादव ने पेपर लीक, लगातार हो रही विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को आधार बनाने की कोशिश की। दक्षिण के राज्य तमिलनाडु की सभी सीटों पर भी पहले चरण में वोटिंग हो रही है। इस बार बीजेपी का दावा है कि तमिलनाडु एक बड़ा सरप्राइज देने वाला है।

खुद पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा सात बार तमिलनाडु का दौरा किया है। उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार ना सिर्फ बीजेपी का यहां पर खाता खुलेगा बल्कि कई सीटें वो जीतने में सफल भी रहेगी। पीएम मोदी ने बीजेपी की तरफ से बैटिंग करते हुए तमिलनाडु में सनातन के मुद्दे को काफी प्रमुखता से उठाया है। उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया कि डीएमके और कांग्रेस सनातन के खिलाफ एक लड़ाई लड़ रहे हैं। किच्चातिवु का मुद्दा भी पीएम मोदी ने काफी सटीक टाइम पर उठाया।

बिहार की बात करें तो यहां पर समीकरण जमीन पर बदल चुके हैं। जब से नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए के साथ गए हैं, महागठबंधन के लिए कुछ चुनौतियां खड़ी हुई हैं। अब एक बार फिर नीतीश कुमार और भाजपा मिलकर आरजेडी पर भ्रष्टाचार, जंगल राज का आरोप लगा रहे हैं। इसके अलावा बिहार में इस समय तेजस्वी यादव का मछली खाना भी एक विवाद का विषय बना हुआ है। पीएम मोदी ने उस मछली कांड का जिक्र करते हुए जोर देकर कहा था कि मुगल लोगों को चिढ़ाने में मजा आता थे और तेजस्वी ने भी नवरात्रि में मछली का वीडियो साझा कर वही काम करने का कार्य किया।
दूसरी तरफ तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन की तरफ से बिहार में बैटिंग कर रहे हैं और उन्होंने पीएम मोदी पर बड़ा निशान साधा है। नीतीश कुमार पर भी हमला करते हुए कहा गया है कि जितनी नौकरियां पहले कभी नहीं दी गईं, उन्होंने डिप्टी सीएम रहते हुए वो सारे काम पूरे किए। बात अगर मध्य प्रदेश की की जाए तो वहां की राजनीति में अभी भी दलित, अल्पसंख्यक जैसे मुद्दे हावी है। एक तरफ अगर राहुल गांधी जातीय जनगणना के जरिए माहौल गर्म करने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी ने मोदी की गारंटी, राम मंदिर, भ्रष्टाचार को अपना कोर एजेंडा बनाया है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर इंडिया गठबंधन के लिए अग्निवीर, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के अधिकार कुछ प्रमुख मुद्दे हैं। यह नहीं भूलना चाहिए इंडिया गठबंधन की मुंबई में हुई संयुक्त रैली में अग्नि वीर योजना को खत्म करने का वादा किया गया था।

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