अखिलेश के गढ़ में BJP की सेंधमारी : CM मोहन यादव ने मैनपुरी में किया चुनावी प्रचार :यादव बहुल सीट डिंपल यादव मैदान मैं
उत्तर प्रदेश का मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र प्रदेश के हॉट सीटों में एक माना जाता है. यह सीट समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है. यहां से मुलायम सिंह परिवार की दो बहुएं आमने-सामने हैं. एक तरफ सपा से खुद अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव हैं, तो दूसरी तरफ बीजेपी ने जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है. एक तरफ अखिलेश यादव खुद यहां एड़ी चोटी लगाए हुए हैं. वहीं यादव बहुल मैनपुरी में बीजेपी ने एमपी सीएम मोहन यादव को भेजा है.
एक तरफ समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को मैदान में उतारा है
वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने उसी परिवार से अपर्णा यादव को मैदान में उतारा है।
घर की बहुओं के बीच होगी चुनावी लड़ाई..
मैनपुरी मुलायम सिंह यादव के परिवार की परंपरागत सीट रही है ऐसे में इस बार वहां की वर्तमान सांसद डिंपल यादव के समाने बीजेपी ने उसी परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतार दिया है। आज अपर्णा यादव के समर्थन में प्रचार करने एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पहुंचे थे। मोहन यादव को बीजेपी ने उसी यादव वोटबैंक को साधने के लिए मोहन यादव को इस बार मैदान में उतारा है।
यादव बहुल सीट मानी जाती है मैनपुरी..
मैनपुरी को यादव बहुल सीट माना जाता है ऐसे में इस बार यहां दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा जहां यादव बनाम यादव की सियासी लड़ाई दिखेगी। मोहन यादव ने कहा कि मैं जिस जगह से जीतते आया हूं वहां मेरी जाति का 500 वोट भी नही है ऐसे में आप मुझे ये नही कह सकते है सिर्फ मुझे एक जाति का वोट मिलता है। बीजेपी की पूरी कोशिश है कि इस बार मोहन यादव के सहारे यूपी और बिहार में यादव वोट को साधना चाहती है अब देखना होगा कि इसका क्या फायदा चुनाव में मिलता है
डिंपल यादव को जीत हाथ से जाती दिख रही : मोहन यादव
मोहन यादव ने डिंपल यादव के बीजेपी के संकल्प पत्र पर सवाल उठाने पर कहा कि उनको भी अन्दर से पता है कि क्या हो रहा है. मोदी जी से दुनिया में देश का मान बढ़ा. हर तरफ वाहवाही हो रही. इसलिए जिन्हें हाथ से सत्ता जाती हुए दिखती है. उन्हें जीत पर शंका होती ही है और वह ऐसे ही कटाक्ष करते हैं. एक बात जान लीजिए जनता मोदी जी के साथ है.
जातीय जनगणना के सवाल पर राहुल गांधी को खरी-खरी
राहुल गांधी के जातीय जनगणना को लेकर बयान पर मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी के नाना जी ने जातिगत जनगणना कराने से मना किया. उनकी दादी ने जाति का जनगणना नहीं कराई.कई लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि हम जातिगत जनगणना के विषय में स्पष्ट नहीं हैं, तो बता दें हम इसपर स्पष्ट हैं. हम कोई विरोधी नहीं हैं. लेकिन महिला, गरीब, किसान, युवा यदि इन्हीं चार श्रेणी पर हम ध्यान दे दें तो पूरा समाज इसमें आ जाता है.