BJP पर बरसे जीतू पटवारी : 'सपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द हुआ नहीं, कराया गया है',
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। चुनाव से पहले ही मध्य प्रदेश में विपक्ष के इंडी गठबंधन को करारा झटका लगा है। खजुराहो लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र शुक्रवार को निरस्त हो गया। निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने नामांकन पत्र में एक स्थान पर अभ्यर्थी के हस्ताक्षर न होने और मतदाता सूची की सत्यापित प्रति संलग्न न होने के आधार पर इसे निरस्त कर दिया। विपक्ष्री दलों के राष्ट्रीय स्तर पर हुए गठबंधन के अंतर्गत कांग्रेस ने प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी थी।
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नामांकन पत्र निरस्त करने को लोकतंत्र की हत्या तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गठबंधन के प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से रोकने का षड्यंत्र बताया। मीरा यादव के पति दीप नारायण यादव ने कहा कि काफी समय था, निर्वाचन अधिकारी हमें बता देते तो कमी की पूर्ति कर देते। हम चुनाव आयोग और न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की शरण लेंगे।
यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा प्रत्याशी हैं। सपा ने खजुराहो से डा मनोज यादव को पहले अपना प्रत्याशी बनाया था, उसके बाद उनके स्थान पर मीरा यादव को प्रत्याशी घोषित किया गया। चार अप्रैल को मीरा की नामांकन रैली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव शामिल हुए थे।
पांच अप्रैल यानी शुक्रवार को नामांकन पत्र की जांच हुई, जिसमें सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र अपूर्ण होने के कारण निरस्त कर दिया गया। इसके दो कारण बताए गए। पहला, नामांकन पत्र में दो स्थान पर अभ्यर्थी के हस्ताक्षर होते हैं लेकिन मीरा यादव ने एक ही स्थान पर हस्ताक्षर किया। इसी तरह सत्पापित मतदाता सूची भी नहीं लगाई। जबकि, वह खजुराहो संसदीय क्षेत्र की मतदाता नहीं हैं, इसलिए जहां की मतदाता सूची में उनका नाम है, वहां के सक्षम अधिकारी से सत्यापित कराकर सूची जमा करनी
थी।
इंतजार होता रहा, नहीं आए कलेक्टर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मीरा यादव और उनके पति 12 से तीन बजे तक कलेक्ट्रेट में बैठे रहे। कलेक्टर का इंतजार करते रहे लेकिन वह कार्यालय नहीं आए। नामांकन पत्र प्रतिलिपि में हस्ताक्षर हैं। इस तरह से नामांकन पत्र निरस्त करना लोकतंत्र की हत्या और जनता के वोट के अधिकार का हनन है। लोकतंत्र की हत्या को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हम सब मिलकर आगे की रणनीति बनाएंगे। इधर कलेक्टर ने मीडिया से दूरी बना ली है। वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए।
अखिलेश यादव ने की न्यायिक जांच की मांग
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया कि खजुराहो सीट से इंडी गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने नामांकन पत्र लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो आवेदन मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साजिश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का नामांकन पत्र निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।
पुरानी वोटर लिस्ट क्यों लगाई
लोगों का कहना है कि मीरा यादव और दीप नारायण यादव दोनों चुनाव लड़ चुके हैं। मीरा मध्य प्रदेश की निवाड़ी विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। चार माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने चुनाव लड़ा था। इसके बाद भी नामांकन पत्र में हस्ताक्षर न करना और पुरानी मतदाता सूची लगाने से प्रश्न खड़े हो रहे हैं। इसी तरह 2009 में विदिशा लोकसभा सीट से कांग्रेस के राजकुमार पटेल ने नामांकन पत्र में बी फार्म की मूल प्रति के स्थान पर छाया प्रतिलिपि लगाई थी, जिसके कारण उनका नामांकन पत्र रिटर्निंग आफिसर ने निरस्त कर दिया था।
पांच नामांकन रद, 14 प्रत्याशी मैदान में
खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को नाम निर्देशन पत्रों की जांच में सपा प्रत्याशी समेत पांच अभ्यर्थियों का नामांकन पत्र रद हो जाने के बाद अब यहां 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में शेष रह गए हैं। निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के अनुसार अभ्यर्थी सोमवार को दोपहर तीन बजे तक उम्मीदवारी से नाम वापस ले सकेंगे। यहां भाजपा प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा, बसपा के कमलेश कुमार समेत 12 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। खजुराहो में 26 अप्रैल को मतदान होना है।