सत्ता के लिए छोड़ी थी सरकारी कुर्सी, निशा बांगरे वापस मांग रही सरकारी नौकरी, कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट मायूसी लगी हाथ
पूर्व SDM निशा बांगरे का राजनीति से मोह भंग हो चुका है. ये वही पूर्व डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) लड़ने के लिए पहले नौकरी से इस्तीफा (Resignation) दे दिया था. जब इस्तीफा मंजूर (Resignation Accepted) नहीं हुआ तो हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक इस्तीफा मंजूर कराने लिए कानूनी लड़ाई लड़ी थी. बाद में इस्तीफा मंजूर हो गया, लेकिन जिस चुनाव के लिए कुर्सी छोड़ी उसी विधायकी का टिकट ऐन वक्त पर उन्हें नहीं मिला. अब फिर से इन्होंने नौकरी के लिए सरकार से गुहार लगाई है.
छतरपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहीं निशा बांगरे बैतूल की आमला सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन उनको विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी मौके पर टिकट नहीं दिया गया था. अब सरकारी नौकरी में वापस आने के लिए निशा बांगरे ने आवेदन दिया है. निशा ने जीएडी (GAD) यानी सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Administration) को नौकरी में वापस आने के लिए आवेदन दिया है.
निशा बांगरे ने कमलनाथ के कहने पर ही नौकरी छोड़ी थी और उम्मीद थी कि कांग्रेस उनको अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारेगी लेकिन कांग्रेस पार्टी के अंदर निशा बांगरे को लेकर खासा विरोध हो गया था, जिसके कारण उनका टिकट ऐन मौके पर कट गया था. अब न नौकरी रही और न ही विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका निशा बांगरे को मिला. ऐसे में अब वे राजनीति से दूरी बनाकर फिर से शासकीय सेवा में जाने की कोशिश कर रही हैं.
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