कमलनाथ के करीबी के घर पड़ा छापा, जीतू पटवारी ने बताया बीजेपी की तानाशाही


छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर लड़ाई सबसे दिलचस्प है। दोनों दलों ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच रविवार को पुलिस ने पांढुर्ना विधायक नीलेश उईके के पैतृक घर पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने दबिश दी है। उनका घर रजौला रैयत में है। अचानक से गांव पहुंची पुलिस की फौज ने अलग-अलग जगहों पर जांच की है। नीलेश उईके कमलनाथ के करीबी विधायक हैं। इस कार्रवाई के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं

इस वजह से की सर्चिंग

दरअसल, चुनाव के दौरान नकद राशि, शराब और अन्य सामग्री के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने की खबरें आ रही हैं। इसी मंशा से विधायक के घर सामग्री रखे जाने का शक था। पुलिस और आबकारी की टीम ने रविवार को विधायक के निवास पर सर्चिंग की। शाम को पौने पांच बजे शुरू हुई यह सर्चिंग करीब तीन घंटे तक चली। पुलिस और आबकारी अधिकारियों की टीम ने विधायक के वर्तमान निवास से लेकर निर्माणाधीन मकान आसपास के आठ-दस मकान, खेत-खलिहान के साथ नदी-नालों सहित कई स्थानों पर खोजबीन की।

कुछ नहीं मिला

सर्चिंग टीम को कुछ भी हाथ नहीं लगा है। इसके बाद अधिकारियों की टीम खाली तलाशी की पंचनामा कार्रवाई करके लौट गई। पुलिस की टीम के पहुंचने के बाद गांव में गहमागहमी बढ़ गई थी।

पंचनामा में अवैध शराब की शिकायत का जिक्र

सर्चिंग में कुछ हाथ नहीं लगने के बाद अधिकारियों ने पंचनामा बनाया, जिसमें अवैध शराब जमाखोरी की शिकायत पर सर्चिंग की कार्रवाई होने का जिक्र किया गया। सर्चिंग के दौरान जिला आबकारी अधिकारी छिंदवाड़ा, एसडीओपी मोहखेड़, थाना प्रभारी लावाघोगरी, चौकी प्रभारी उमरानाला सहित बड़ी संख्या में पुलिस और आबकारी दोनों विभाग का अमला शामिल रहा।

जीतू बोले ये सरकार की तानाशाही

कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, "पांढुर्णा विधायक नीलेश उइके जी के घर से लेकर खेत तक प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच की, जब कुछ नहीं मिला तो खाली हाथ लौटना पड़ा. 

आदिवासी समाज का अपमान

विधायक नीलेश उईके ने कहा कि बिना सर्च वारंट के यह कार्रवाई की गई। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को आदिवासी समाज का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि यह मेरा अपमान नहीं, पूरे आदिवासी समाज का अपमान है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के नाम से भाजपा डरी हुई है। हार के डर से बौखला गई। इसी कारण ऐसे अनैतिक कृत्य करके डरा रही है। सत्ता का दुरुपयोग करने से हम डरेंगे नहीं, इसका करारा जवाब जिले की जनता और आदिवासी समाज के लोग देंगे।


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