नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का CM मोहन यादव पर पलटवार : आदिवासियों की रोजी रोटी है महुआ, इसपर टिप्पणी, आदिवासियों पर टिप्पणी,बोले मांगनी होगी माफी
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियां वोटर को साधने के लिए हर जतन कर रही हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान जंगल में महुआ बीनने वाली महिलाओं के साथ महुआ बीना था और उसका स्वाद भी लिया था, जिस पर राज्य में सियासी संग्राम छिड़ गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जहां इसे राहुल गांधी का शौक बताया तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री के बयान को आदिवासियों के अपमान से जोड़ा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मोहन यादव के बयान पर करारा जवाब दिया है।
दरअसल, राहुल गांधी मध्य प्रदेश प्रवास पर आए थे और उन्होंने सड़क से गुजरते समय जंगल में महुआ बीन रही आदिवासी महिलाओं के बीच पहुंचकर चर्चा की थी। इतना ही नहीं जमीन पर पड़े महुआ के फूल उठाकर उसका स्वाद भी चखा था। जिसके बाद उज्जैन में संवाददाताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से राहुल गांधी के महुआ बीनकर चखने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अब मैं क्या बोलूं उनके बारे में, जबरदस्ती के नेता हैं, राजनीति लायक नहीं हैं, उन्होंने महुआ खाकर बता दिया है कि उनके क्या शौक हैं। अगर उन्हें महुआ बीनना और खाना है तो हम उनका स्वागत करेंगे।
उमंग सिंघार का पलटवार जवाब
सीएम मोहन यादव के इस बयान पर कांग्रेस नेताओं ने करारा जवाब दिया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए सवाल किया और कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी महुआ बीनना आदिवासियों की रोजी-रोटी है, ये एक संवेदनशील मुद्दा है, जिस पर आप ने टिप्पणी की। अच्छा होता कि आप आदिवासियों के भले की बात करते! उन्होंने आगे कहा कि महुआ राहुल गांधी का शौक नहीं है। आपके क्या शौक हैं, क्या आपके जमीन हड़पने के शौक हैं? कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री पर आदिवासी वर्ग के अपमान का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि देश में 10 प्रतिशत आबादी इस वर्ग की है, जिसका उन्होंने अपमान किया है, इसके लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगना चाहिए।
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