पूर्व सीएम के बेटे का बताया पुश्तैनी कब्जा, HC ने दिए पटवारी के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश
जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पटवारी कोई भगवान नहीं, जो किसी का भी नाम दर्ज कर दे। लिहाजा, मनमानी करने वाले पटवारी के विरुद्ध एफआईआर व विभागीय जांच के आदेश दिए जाते हैं। कलेक्टर सतना आदेश के परिपालन में कार्रवाई सुनिश्चित कर कोर्ट को एक माह के भीतर अवगत कराएंगे।दअरसल, पटवारी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व बिहार के पूर्व राज्यपाल गोविंद नारायण सिंह के पुत्र अशोक सिंह व ध्रुव नारायण सिंह के पक्ष में जमीन पर पुश्तैनी कब्जा बताते हुए रिपोर्ट तैयार करने की मनमानी की थी।सतना निवासी अशोक सिंह व ध्रुव नारायण सिंह व एक अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। जिसमें कहा गया था कि रीवा के रामपुर बघेलान स्थित जमीन पर उनका पुश्तैनी कब्जा है। पटवारी ने भी इस संबंध में अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है। भूमि मालिक मनोहर लाल ने उक्त जमीन उन्हें प्रदान की थी। जिसकी मृत्यु साल 1992 याचिका में कहा हो गया था। मनोहर लाल के वंशजों ने साल 2018 में उक्त भूमि के नामांतरण के लिए आवेदन किया था।जिस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति पेश की थी। याचिका में कहा गया था कि तहसीलदार तथा एसडीएम ने उनके पक्ष में आदेश पारित किया था। जिसके विरुद्ध अनावेदकों ने अतिरिक्त संभागायुक्त के समक्ष अपील दायर की थी। अतिरिक्त संभागायुक्त ने तहसीलदार व एसडीएम के आदेश को निरस्त करते हुए अनावेदकों के पक्ष में आदेश जारी कर किया था।जिसे चुनौती देते हुए उक्त याचिका दायर की गयी थी। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता इस संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए कि भूमि स्वामी ने उन्हें उक्त जमीन प्रदान की थी। सिर्फ पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर वह भूमि पर दावा कर रहे है।
इसके अलावा उक्त भूमि पर कब्जे के संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बिना दस्तावेज पटवारी ने याचिकाकर्ता के पक्ष में कैसे रिपोर्ट तैयार कर दी। हाई कोर्ट ने उक्त तल्ख टिप्पणी करते हुए उक्त आदेश जारी किए।
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