नदहा पंचायत में 40 लाख से ज्यादा का बंदरबाट, सरपंच सचिव से लेकर इंजीनियर तक की भूमिका संदिग्ध


 अरुण गुप्ता 

प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस 

सीधी, केंद्र से लेकर राज्य की सरकार आम जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु लगातार नई नई योजना निकाल रहे हैं लेकिन जिनके कंधे पर आम जनता तक यह योजना पहुंचने की जिम्मेदारी है वहीं पूरे योजना पर पातीला लगाकर लगातार घोटाला करने में जुटे हुए हैं, ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मझौली जनपद के ग्राम पंचायत नदहा से सामने आया है, जहां पीसीसी कार्य निर्माण, तिरचूली नाले मे रपटा निर्माण, एनी कट चेक डैम निर्माण, स्कूल समतली करण, एवं डबरी निर्माण कार्य,पुलों का निर्माण, कार्य बना तो नहीं है लेकिन कई लाखों की राशि निकाली गई है वहीं कुछ आधे अधूरे कार्य हुए भी हैं इतनी घटिया क्वालिटी के बने हैं कि एक महीने भी नहीं टिक पाए हैं स्वच्छ भारत मिशन से बने नाडेप टांका कचरा पेटी निर्माण, 15 दिन में ही गिरकर ध्वस्त हो गए हैं कुल मिलाकर सरपंच सचिव से लेकर इस पूरे घोटाले में इंजीनियर तक की भूमिका संदिग्ध है हालांकि इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिए है



 मेंटेनेंस के नाम पर लाखो पार

 मझौली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत नदहा घोटाले को लेकर हमेशा चर्चित रहता है, इसके पूर्व में भी कई लाख का घोटाला उजागर हुआ था लेकिन आज भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी और लगातार सरकारी खजाने को खाली कर रहे हैं,बात करें अगर तुरंत की तो जहां पहले से ही नदी बह रही है वहां डेवरी निर्माण दिखाकर लाखों रुपए राशि निकाल ली गई है, दूसरे नंबर पर सोनबरसा में संमतली करण के नाम पर कुछ मिट्टी डाल कर चार लाख रुपए के लगभग निकाल लिया गया है, वही तीन लाख रुपए की पीसीसी सड़क बनाया जाना था जहां रेता और धूल से पीसीसी सड़क बनाकर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है , बाउंड्री वॉल बनाने के नाम पर 12 लाख रूपए की लगभग की राशि निकाली गई है जबकि बाउंड्री वॉल बेहद ही घटिया क्वालिटी की है, नाम मात्र का बाउंड्री बनाकर कई लाख का घोटाला किया गया है...

मुख्यमंत्री मोहन यादव एक तरफ करप्शन और भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरपंच सचिव से लेकर इंजीनियर तक भ्रष्टाचार की नई इबारत लिख रहे हैं नदहा ग्राम पंचायत में अभी तक 40 लाख रूपए से ज्यादा की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है, वही पंचायत भवन मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन किया जा रहा है जबकि ग्राम पंचायत भवन सालों से बंद पड़ा हुआ है , वहीं पूरे मामले को लेकर कलेक्टर ने कार्रवाई करने का दावा कर रहे है।

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