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एक देश, एक चुनाव इसी कार्यकाल में लागू करेंगे- मोदी सरकार के 100 दिन पूरा होने पर अमित शाह का बड़ा ऐलान

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  Amit Shah: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान अमित शाह से वन नेशन-वन इलेक्शन पर सवाल पूछा गया. अमित शाह ने कहा कि इसी सरकार के कार्यकाल में वन नेशन-वन इलेक्शन का बिल लाया जाएगा.  अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही वन नेशन-वन इलेक्शन को लागू करेगी. अमित शाह ने कहा, 'हमारी योजना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की व्यवस्था लागू करने की है.' प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे पीएम मोदी ने की थी जोरदार वकालत पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जोरदार वकालत की थी और कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, 'देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा. 'एक राष्ट्

58 साल पुराना फैसला केंद्र सरकार ने बदला ,RSS के कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी, कांग्रेस ने साधा निशाना

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  • केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे 58 साल पुराने ‘‘प्रतिबंध’’ को हटा लिया है. अब सरकारी कर्मी RSS की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे.आदेश में कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए.’’
  • कांग्रेस ने दर्ज कराया विरोध

उधर, केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया है. कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी इस फैसले की तीखी आलोचना की है, जिसमें आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 6 दशक पुरानी पाबंदी को हटा दिया गया है. 

  • जयराम रमेश ने X पर की पोस्ट
  • कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि, 'फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था - और यह सही निर्णय भी था. यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है. 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था. मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.
  • पवन खेड़ा ने भी बोला हमला
  • वहीं, कांग्रेस के एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन खेड़ा ने भी केंद्र पर हमला बोला. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, “58 साल पहले, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने उस आदेश को पलट दिया है.” 

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