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नए आपराधिक कानून का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा
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अरुण कुमार शेंडे
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
नए आपराधिक कानून के संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण संपन्न
रायसेन प्रदेश में 1 जुलाई 2024 से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता दंड संहिता प्रक्रिया के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम प्रभाव में आ गए हैं पुलिस एवं प्रशासन के समस्त अधिकारी इनका अच्छी तरह अध्ययन कर ले जिससे इनका जनहित में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में इस संबंध में प्रशिक्षण आयोजित करें संभाग आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आज कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में भोपाल संभाग के प्रशासन के अधिकारियों के नए कानून के संबंध में एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण को संबोधित किया मास्टर ट्रेनर विधि अधिकारी पुलिस मुख्यालय श्री विजय बंसल एडीपीओ मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी सुश्री सुचित्रा वर्मा तथा विधि अधिकारी पुलिस आयुक्त कार्यालय डॉक्टर मनीषा पटेल ने प्रशिक्षण दिया प्रशिक्षण के दौरान एसीपी श्री अवधेश गोस्वामी आईजी श्री अभय सिंह भोपाल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एडीएम एसडीएम तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित से कुछ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए प्रशिक्षण में बताया गया कि नए कानून नागरिक केंद्रित कानून है तथा इसमें मौखिक अथवा इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से एफ आई आर दर्ज कराई जा सकती है जीरो एफआईआर का भी प्रावधान है अर्थात किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है वहां से उसे संबंधित थाने को भेज दिया जाएगा महिला पुलिस ही महिला पीड़िता की रिपोर्ट लिखेगी पीड़ित और खबर देने वाले को एफआईआर की फ्री कॉपी दी जाएगी नवीन कानून में प्रौद्योगिकी का पूरा समावेश किया गया है ई बयान ई अटेंडेंस ई रिकॉर्ड और ई एफआईआर का प्रावधान है नए कानून पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण से बनाए गए हैं अब छीना झपटी के मामलों को भी संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना गया है राजद्रोह को देशद्रोह में परिवर्तित किया गया है मॉब लिंचिंग में अधिकतम सजा मृत्यु दंड रखी गई है नए कानून में सत्य और शीघ्र न्याय को विशेष महत्व दिया गया है अब सुनवाई शुरू होने के बाद 60 दिन में आरोप तय किए जाएंगे और उसके 90 दिन बाद अभियोजन की कार्रवाई शुरू करनी होगी पुलिस की कार्रवाई में जवाबदेगी और पारदर्शिता को महत्व दिया गया है तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियो ग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है
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