सर, अधिकारी सुनते ही नहीं हैं...' जब सीएम योगी की मीटिंग में बोले विधायक, कहा- सबूत लाएं तो एक्शन होगा


 सीएम योगी ने बुधवार को बरेली और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। विधायकों की अधिकारियों के न सुनने की शिकायत पर योगी ने कहा कि यदि कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है तो उसके खिलाफ पक्के सबूत के साथ शिकायत करें, तभी उस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी।मुख्यमंत्री ने विधायकों को क्षेत्र की जनता से बराबर संवाद बनाए रखने और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने की भी सलाह दी।

सीएम योगी लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। योगी सभी से एक कॉमन सवाल पूछते हैं कि बीजेपी को वोट कम क्यों मिले? सूत्रों की माने तो इस हार को लेकर ज्यादातर विधायकों ने सीएम योगी से कहा कि विपक्ष का फैलाया हुआ झूठ पूरी तरह से लोगों के दिमाग में भर गया।

इसके साथ ही हमारे कार्यकर्ताओं के अंदर नाराजगी थी कि हम उनका कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। सही काम भी अधिकारी करने को तैयार नहीं होते। इसे लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। जिसका असर लोकसभा चुनाव पर पड़ा।

जनता को समय न देने वाले सांसदों की हुई हार

सीएम योगी ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि की जीत में 50 प्रतिशत पार्टी की तो 50 प्रतिशत भूमिका प्रत्याशी की होती है। लोकसभा चुनाव में वही सांसद हारे हैं, जिन्होंने जनता को समय नहीं दिया। इसलिए सभी विधायकों के लिए यह मौका है कि वह निरंतर जनता के बीच रहें और संवाद करें।

उनकी समस्याओं के निस्तारण कराने के लिए सक्रियता से काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनता से आपका संपर्क टूटा तो न जीत पक्की रहेगी और न ही टिकट मिलना पक्का रहेगा।

'नैरेटिव' मजबूत करने पर करना होगा

सीएम योगी ने बरेली और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों से लंबी बातचीत की। बैठक में यह बात निकलकर आई कि विकास व जनकल्याण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ ही 'नैरेटिव' मजबूत करने पर भी काम करना होगा। विपक्ष इस बार मुद्दों को अपने तरीके से जनता में ले जाने में सफल रहा। आगे के लिए इसके 'काउंटर' को और सक्रियता बढ़ानी होगी।

उदासीनता, आरक्षण, उम्मीदवार ये तीनों फैक्टर बनी हार का कारण

सूत्रों के अनुसार सीएम ने विधानसभावार चुनाव नतीजों का फीडबैक लिया। इसमें पहले और अब मिले वोटों का अंतर भी शामिल था। अधिकतर, विधायकों ने हार की वही वजहें गिनाईं जो आए दिन मंथन बैठकों में तैर रही हैं। उनका मानना था कि कार्यकर्ताओं की उदासीनता व आरक्षण को लेकर विपक्ष का नैरेटिव भाजपा के प्रचार अभियान पर भारी रहा। उम्मीदवारों को लेकर अंतर्विरोध व आपसी खींचतान का भी नुकसान हुआ

सीएम ने सभी विधायकों को विधानसभा के उप चुनाव में मन से जुटने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हार से परेशान होने की जरूरत नहीं। एक विधायक द्वारा हेलमेट की जांच पर पुलिस द्वारा परेशान करने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट सुरक्षा के लिए जरूरी है। कानून का पालन हर हाल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा इसलिए 10 साल से सत्ता से बाहर है, क्योंकि उसकी सरकार में कानून का पालन नहीं होता था।


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