लुटेरी दुल्हन गिरफ्तार, बेहोशी की दवा बरामद: जानें कैसे हुआ खुलासा

 


राजगढ़। जिले में लुटरी दुल्हनों के माध्यम से लोगों को छलने का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इसी तरह के एक केस में एक युवक द्वारा धूमधाम के साथ पिछले दिनों जिसके साथ शादी की वह लुटेरी दुल्हन निकली। दुल्हन बनकर आई महिला 10 दिन के लिए आई थी। वह मौका पाकर घर वालों को नशीली दवा खिलाकर भागने की फिराक में थी। वह घटना को अंजाम देती इसके पहले ही स्वजन को मांजरा समझ आ गया और उन्होंने थाने में शिकायत कर दी।

4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

इसके बाद पुलिस ने 4 के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। मामले का पर्दाफाश करते हुए एसपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि बाद 22 जुलाई को थाना कालीपीठ में फरियादी जितेंद्र पिता हीरालाल गौड़ ने एक लिखित आवेदन पेश किया था। जिसमें कहा था कि उसके साथ 2 लाख रुपये लेकर षड्यंत्र पूर्वक शादी कराकर शादी के 10 दिन बाद अपनी गैंग के साथ फरार होने का उल्लेख किया था।

इसके बाद थाना प्रभारी कालीपीठ रजनीश सिरोठिया व उनकी टीम के द्वारा आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। दुल्हन बनकर आई पूनम रायकर की उम्र 24 साल है।

ये है पूरा मामला

सेमली गांव के रहने वाले जितेंद्र गौड़ का विवाह कंचन नाम की महिला ने पूनम के साथ तय किया था। इसके बदले में कंचन ने 2 लाख रुपए लिए थे। 2 लाख लेने के बाद कंचन ने पूनम से सौदा किया था कि तुझसे 10 दिन के लिए शादी करके जाना है। इसके बाद मौका पाकर या नशीली दवा खिलाकर फरार होना है। 50 हजार लेने के बाद पूनम ने अपने 2 भाइयों के खाते में यह राशि 30 हजार व 20 हजार के रूप में डाली थी। जब 10 दिन हो गए व भागने का मौका नहीं मिला तो इधर पूनम परेशान होने लगी।

उधर पूनम की मां व उसका पूर्व पति राजगढ़ पहुंचे। उन्होंने अहिंसा वेल्फेयर सोसायटी से संपर्क किया। मनीष दांगी ने बताया कि जब वह हमारे संपर्क में आए तो हमने पूनम की मां से पूछा कि वह महाराष्ट्र से कब की निकली है तो मां ने बताया कि 6 जुलाई की। पूनम से बात की तो उसने 3 जुलाई बताई। दुर्गेश ने अलग तारीख बताई। उधर जिस जितेंद्र से शादी की थी, उसको कुछ पता नहीं था। हमें संदेह हुआ तो हमने पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने फिर पड़ताल करते हुए इस मामले में प्रकरण दर्ज किया व गिरफ्तारी की है।

जालपा मंदिर पर किया था विवाह

बताया गया है कि 10 दिन पहले ही जितेंद्र का विवाह जालपा माता मंदिर पर हुआ था। इसके बाद वह गांव में रह रही थी। लेकिन वादे के मुताबिक उसे 8-10 दिन के लिए भेजा था। ऐसे में वह निकलने की फिराक में थी। जब 10 दिन में लुटेरी दुल्हन वापस अपने घर नहीं पहुंची तो उसके परिजनों ने राजगढ़ संपर्क किया। ऐसे में इस पूरे मामले का पर्दाफश हो गया।

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