सरकारी कर्मचारियों को रहने के लिए नहीं आवास कर्मचारी करते हैं अपडाउन या रहते किराए के मंहगे घरों मे


 अरुण कुमार शेंडे 

प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस 

रायसेन सांची विधानसभा क्षेत्र सांची वैसे तो यह स्थल विधानसभा सांची का मुख्यालय माना जाता है तथा विकास खंड मुख्यालय होने से अनेक सरकारी दफ्तरों के साथ विद्यालय हैं तथा नव निर्मित भवन मिल चुके हैं तो कुछ निर्माणाधीन हैं बावजूद इसके इन दफ्तरों मे काम करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को सरकारी आवास की दरकार बनी हुई है इस स्थल को सांची विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय भी माना जाता है तथा विकास खंड मुख्यालय होने से अनेक सरकारी दफ्तर हैं जिसमें सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी कार्यरत रहते हैं जबकि सरकार इन अधिकारीकर्मचारियों को सरकारी आवास उपलब्ध कराती रही है परन्तु इन विभिन्न विभागों के कार्यालय के रूप मे करोड़ों रुपये की लागत से नवीन भवन निर्मित किये जा चुके हैं तथा कुछ निर्माणाधीन हैं परन्तु इन दफ्तरों मे कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को अपने निवास के लिये आवास न होने से या तो अपडाउन करना पडता है अथवा मंहगे दरो पर निजी घर किराए से लेकर गुजर बसर करना पडती है जबकि यह स्थान एक ऐतिहासिक माना जाता है जिससे इस स्थल पर विशिष्ट अतिविशिष्ट लोगों का आना जाना ठहरना लगा रहता है तब अधिकारी कर्मचारियों को उपस्थित रहना पडता है तथा यहाँ आये आगन्तुकों की आवभगत करना पडती है तब इनके सामने मुश्किलें खडी हो जाती हैं इनमें शामिल तहसील होने से अतिरिक्त तहसीलदार के साथ ही राजस्व निरीक्षक पटवारी सहित कार्यालय मे काम करने वाले कर्मचारियों को आवास न होने से मंहगे दामों पर निजी घरों को अपना आवास बनाने पर मजबूर होना पडता है जबकि अतिरिक्त तहसीलदार स्वयं किराए के भवन का सहारा लिए हुए हैं वैसे भी तहसील कार्यालय आमखेड़ा मे स्थानांतरित होने से आवास की समस्या से कर्मचारियों को जूझना पडता है इसके साथ ही पुलिस थाना भवन तो नवनिर्मित किया जा चुका है जिनके सिर पर चौबीस घंटे सुरक्षा की जिम्मेदारी रहती हैं यहाँ पदस्थ पुलिस अधिकारी अथवा पुलिस कर्मियों को या तो किराए के भवनों मे रहने मजबूर हैं अथवा वर्षों पुराने जर्जर भवनो को ही अपनी जान जोखिम मे डालकर रहने पर मजबूर होना पड रहा हैं यही हाल यहां स्थित स्वास्थ्य विभाग का भी बना हुआ हैं हालांकि सरकार ने इस अस्पताल का उन्नयन कर सिविल अस्पताल का करोड़ों की लागत से भवन तो निर्मित करा दिया परन्तु चौबीस घंटे अपनी सेवा देने वाले चिकित्सकों एवं अस्पताल कर्मचारियों को कोई आवास उपलब्ध नही हो सके हालांकि पहले इस अस्पताल मे डाक्टरों एवं कर्मचारियों के लिये आवास हुआ करते थे परन्तु उन्हें ढहा कर अस्पताल भवन निर्मित हो चुका सरकार को इस विभाग मे कार्य करने वाले लोग आवासहीन होकर रह गए यही हाल हासे स्कूल का हो चुका है कर्मचारियों के भवनों को ढहाकर सीएमराइज स्कूल का करोडो रुपए की लागत से नवनिर्माण जारी है यहाँ भी अधिकारी कर्मचारियों को कोई आवासीय भवन की व्यवस्था न होने से अपडाउन करने पर मजबूर होना पडता है अथवा निजी भवन को अपना आवास बनाने मजबूर होना पडता हैं यहाँ पर महिला विकास विभाग कार्यालय जो विकास खंड की जिम्मेदारी उठा रहा है किराए के भवन मे बरसों से अपने काम को अंजाम दे रहा है जबकि जनपद पंचायत मे अनेकों भवन रिक्त होने के बाद भी इस कार्यालय को भवन की व्यवस्था नही हो सकी जब दफ्तर ही किराए के भवन मे चल रहा हो तब कर्मचारी आवासहीन ही बन गए यही हाल कृषि विभाग का बना हुआ है कर्मचारी अधिकारी किराए के भवन मे गुजारा करने मजबूर हो चुके है यही हाल पशु चिकित्सालय का भी बना हुआ है इसके साथ ही नगर भर की तमाम व्यवस्था जुटाने वाली नगर परिषद प्रशासन मे बडी संख्या मे अधिकारी कर्मचारियों को या तो किराए के भवनों का सहारा लेना पडता है अथवा मजबूर होकर अपडाउन करना पडता है यह कार्यालय नगर वासियों को तमाम सुविधाएं प्रदान करने का जिम्मा उठाना पडता हैं परन्तु इस संस्था के अधिकारियों कर्मचारियों को ही कहीं कोई सरकारी आवास न होने से परेशान होना पडता है इतना ही नहीं स्वयं के कार्यालय भवन भी खस्ता हाल मे पहुंच चुका है अधिकांश सरकारी कर्मचारियों के लिये आवास न होने से यहाँ कार्यरत अधिकारी कर्मचारी बेघर बने हुए हैं

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