सांची स्थल को विश्व भर मे पुरातात्विक धरोहर रूप में माना जाता है जहां ट्रेन स्टापेज विहीन ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन


अरुण कुमार शेंडे 

प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस 

रायसेन सांची जिस ऐतिहासिक स्थल को विश्व भर मे पुरातात्विक धरोहर के रूप मे जाना जाता है जिसकी विश्व भर मे पहचान बनाने स्वयं देश के प्रधानमंत्री प्रयास रत हो भारतीय करेंसी पर भी इस स्थल की ऐतिहासिक चिंह अंकित हो चुके हो इस ऐतिहासिक स्थल पर ट्रेन स्टापेज के सैकड़ों ज्ञापन सौपे जा चुके हो परन्तु इस ऐतिहासिक स्थल ही ट्रेन स्टापेज विहीन बना हुआ है जिससे पर्यटकों को खासी परेशानी झेलने पर मजबूर होना पड रहा है यह स्थल एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप मे विख्यात है इसके साथ ही यह स्थल बौद्ध अनुयायियों का पवित्र स्थल माना जाता है परन्तु यह स्थल रेलवे विभाग द्वारा उपेक्षित कर दिया गया है इस स्थल विश्व मे अपनी पहचान बना चुका है इतना ही नही इस स्थल की पहचान दिलाने स्वयं देश के प्रधानमंत्री ने अहम भूमिका निभाने मे कोई कौर कसर नही छोडी तथा विश्व को कौने कौने मे इसकी प्रसिद्धि बढाने के रूप मे भारतीय करेंसी पर भी ऐतिहासिक चिंह अंकित कर दिये इसके साथ ही इस स्थल पर ट्रेन स्टापेज की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों व्यापारियों कर्मचारियों सहित स्वयं इस नगर की स्थानीय सरकार ने रेलवे प्रशासन को इस नगर मे ट्रेन स्टापेज की मांग उठाई जबकि यह स्टेशन रायसेन जिले भर का एक प्रमुख स्टेशन माना जाता है इस स्टेशन पर कोराना काल के पूर्व तक अनेकों कम लंबी दूरी की ट्रेन का ठहराव हुआ करता था इन ट्रेनों से जिले भर के लोग लंबी दूरी की यात्रा करते थे इसके साथ ही सैकड़ों छात्र छात्रा विदिशा भोपाल इंदौर की यात्रा कर अपनी भविष्य की रूप रेखा तैयार करते करते थे इसके साथ ही इस स्थल से व्यापारी भी लंबी दूरी दिल्ली मुंबई तक यात्रा कर अपनी रोजी रोटी चलाते रहे हैं इसके साथ ही इस स्थल पर बडी संख्या मे अपडाउनर्स भी लाभ उठा लिया करते थे इसके साथ ही श्रलंका जापान सहित अनेकों देश के पर्यटक लंबी दूरी से यात्रा कर सुरक्षित सांची पहुंच जाते थे परंतु कौरोना काल से सुरक्षित रहने के नाम पर इस स्टेशन पर ट्रेनो के स्टापेज स्थगित कर दिये गए थे तब से अब तक इतना लंबा अरसा गुजरने के बाद भी ट्रेन स्टापेज बहाल नहीं हो सके इस ट्रेन स्टापेज की मांग सेकडो बार नगर के व्यवसायी कर्मचारी छात्रों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं श्रीलंका सौसायटी के भिक्षुओं द्वारा इस स्थल पर आने वाले विशिष्ट अतिविशिष्ट जनप्रतिनिधियों सहित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों तक को ट्रेन स्टापेज हेतु ज्ञापन सौंपे गए परन्तु हमेशा ही केवल कोरा आश्वासन ही मिल सका तथा देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को ट्रेन स्टापेज से महरूम रहना पडा जिससे छात्रों व्यापारी कर्मचारी भी सहित जिले भर कै यात्रियों को सुविधा नही मिल सकी जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को विदिशा भोपाल जैसे रेलवे स्टेशन पर उतरकर सांची पहुचने के लिए मशक्कत करनी पडती हैं जिससे पर्यटकों के साथ अनहोनी की संभावना बनी रहती हैं इसमें सबसे अधिक पर्यटक सेकडों की संख्या मे ग्रुपों के रूप मे आते हैं उनके सामने यहां तक पहुंचने गंभीर संकट उठाने पर मजबूर होना पडता हैं बताया जाता है इन ट्रेन स्टापेज के मुद्दे को तत्कालीन सांसद द्वारा भी लोकसभा मे उठाया गया परन्तु कोई हल नहीं निकल सका हालांकि इस रेलवे स्टेशन का करोड़ों रुपये की लागत से नवनिर्मित काया कल्प किया जा रहा है बावजूद इसके स्टापेज न होने से इस स्टेशन का कायाकल्प का कोई ओचित्य दिखाई नही दे रहा नागरिकों ने एक बार फिर ट्रेन स्टापेज की मांग उठाते हुए कहा है कि इस स्थल की अनुरुपता के अनुसार इस स्थल पर पूर्व की भातिं ट्रेन स्टापेज वहाल किये जायें जिससे पर्यटकों के साथ नगर वासियों जिले वासियों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सकें

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