आधी रात को सीएम मोहन यादव से मिले मंत्री नागर सिंह चौहान, अब इस्तीफा नहीं देंगे,इस बात पर हो गए राजी

 


भोपाल. मध्य प्रदेश बीजेपी में बगावत के सुर ऊंचे करने वाले और इस्तीफा देने पर अड़े मंत्री नागर सिंह चौहान मान गए हैं. 23 जुलाई को पहले वे शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने नई दिल्ली गए, उसके बाद वापस आकर देर रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिले. हालांकि, नई दिल्ली में उनकी मुलाकात केंद्रीय नेताओं से नहीं हो सकी. मुख्यमंत्री निवास में सीएम यादव के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री हितानंद शर्मा भी थे. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी ने नागर सिंह चौहान को आश्वासन दिया है कि उन्हें भविष्य में बेहतर पद दिया जाएगा. इसके बाद वे मान गए.

गौरतलब है कि, मंत्री नागर सिंह चौहान पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे. दरअसल, उनके पास वन-पर्यावरण मंत्रालय था. लेकिन, पार्टी ने उनसे ये विभाग छीनकर नए कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को दे दिया. यह बात नागर को अच्छी नहीं लगी थी. इसके बाद उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगा दिए थे. मंत्री नागर ने कहा था कि उनके पास अब अनुसूचित कल्याण विभाग बचा है. उनके जिले में एससी समाज के लोगों की संख्या कम है. वे इस विभाग का क्या करेंगे? इसलिए वे अपने अलीराजपुर जिले की सेवा विधायक के रूप में कर सकते हैं. वे पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने यहां तक कहा था कि पार्टी अपने मूल कार्यकर्ता का अपमान और बाहरी व्यक्ति का सम्मान कर रही है.

पहली बार 2003 में मिला था टिकट

नागर अलीराजपुर से विधायक हैं. वे शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं. बीजेपी ने उन्हें साल 2003 में पहली बार टिकट दिया था. तब वे पहली बार विधायक बने थे. उसके बाद बीजेपी ने साल 2008 और 2013 में भी टिकट दिया. दोनों बार वे फिर जीते. वे लगातार अलीराजपुर को अलग जिला बनाने की मांग करते थे. पार्टी ने उनकी मांग को माना और झाबुआ से अलग करके अलीराजपुर को नया जिला बनाया था.

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