कांग्रेस के दिग्गज नेता आरिफ अकील का निधन, कमलनाथ सरकार में बने थे मंत्री

 


मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता आरिफ अकील का सोमवार अल सुबह इंतकाल हो गया। वे बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वेंटिलेटर पर रखा गया था।  सोमवार सुबह जहां राजधानी का आसमान बूंदों भरे बादलों से लबरेज था, वहीं शहर की छाती पर एक मुश्किल भरी खबर भी रखी हुई थी। शेर ए भोपाल के लकब से पहचाने जाने वाले पूर्व मंत्री आरिफ अकील वैसे तो पिछले कई दिनों से बीमारी की आगोश में समाए हुए थे। रविवार सुबह तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें भोपाल के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर शाम तक उनकी बिगड़ती हालात के चलते उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। रात होते होते खबर आई कि शेर ए भोपाल को बीमारी ने पस्त कर दिया। हालांकि देर तक इस खबर की अधिकृत पुष्टि नहीं हो पा रही थी। सोमवार अल सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनके इंतकाल की खबर पर अंतिम मुहर लग गई। उनके करीबियों और पारिवारिक सूत्रों ने अकील के इंतकाल की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा से लगातार 40 साल तक सियासत करने वाले आरिफ अकील कांग्रेस शासनकाल में दो बार मंत्री भी रहे हैं। एक अलग अंदाज की राजनीति करने वाले अकील ने अल्पसंख्यक कल्याण, जेल, खाद्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा संभाला। उत्तर विधानसभा पर एकक्षत्र साम्राज्य स्थापित करने वाले अकील ने सियासत के शुरुआती दौर में जनता दल से भी चुनाव लड़ा। इसके बाद कांग्रेस के साथ सियासी सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्होंने भाजपा के कई दिग्गजों को चुनावी मैदान में परास्त किया। भाजपा शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उत्तर विधानसभा को गोद ले लिए जाने का असर भी अकील के मजबूत किले को नहीं डिगा पाई।

भोपाल गैस ट्रैजडी के बाद बसाया था कस्बा

आरिफ अकील ने भोपाल में 1984 में यूनियन कार्बाइड गैस लीक हादसे के बाद जनता के बीच अपनी छवि बनाने में कामयाब रहे थे। उन्होंने फैक्ट्री से कुछ दूरी पर एक कस्बा आरिफ नगर बसाया। इस जगह पर गैस त्रासदी के पीड़ित और उनके परिवारों को बसाया गया था।

सीट को बनाया कांग्रेस का किला

बता दें कि कांग्रेस सरकार में मंत्री रहने के दौरान आरिफ अकील गैस त्रासदी में प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए भी काफी काम किया था। भोपाल उत्तर सीट पर करीब 54 फीसदी मुस्लिम वोट हैं, लेकिन सिंधी समाज के वोटर भी अच्छे खासे हैं। इसके बावजूद इस सीट से वे लंबे समय तक जीतते रहे और उन्हें इस सीट को कांग्रेस के एक किले के तौर पर स्थापित कर दिया।

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