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सीएम योगी का बड़ा फैसला: कांवड़ मार्ग में दुकानों पर लिखना होगा नाम, हलाल प्रोडक्ट बेचने पर होगी कार्रवाई
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UP News: दिल्ली हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश के कई राज्यों के लोग सावन महीने में कांवड़ लेने जाते हैं। लेकिन इस यात्रा से पूर्व यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने बड़ा फैसला किया है। योगी ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों नाम लिखना जरूरी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
अखिलेश ने BJP पर लगाया था आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें।
इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं, जिसे जनता समझ चुकी है। उन्होंने मांग की कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित कार्यवाही करे।
सावन में शुरू होती है कांवड़ यात्रा
भगवान शिव के भक्त हर साल कांवड़ यात्रा पर जाते हैं. यह पवित्र यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है. इस यात्रा में कांवड़िए भगवा वस्त्र पहन कर यह यात्रा करते हैं. इस साल यह पवित्र यात्रा 22 जुलाई 2024 से शुरू हो रही है. इस यात्रा को लेकर यूपी और उत्तराखंड में खास इंतजाम किए जा रहे हैं. क्योंकि ज्यादातर लोग इन दोनों राज्यों से कांवड़ लेकर गुजरते हैं. यही वजह है कि सरकार भक्तों की सुविधा के लिए हर बंदोबस्त करती है.
कांवड़ यात्रा की किस बात पर हुआ विवाद?
इससे पहले सहारनपुर डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकानों के ऊपर उनके प्रोप्राइटर्स का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. आईएएनएस से उन्होंने इसके पीछे की अहम वजह भी बताई. उन्होंने तर्क दिया, “कांवड़ मार्ग को लेकर जैसा प्रत्येक वर्ष होता रहा है, कुछ लोगों ने इस बात की आपत्ति प्रकट की थी कि जब कांवड़िए आते हैं तो सामान की कीमतों को लेकर विवाद होता है.
इसके साथ ही दुकान किसी और की और नाम किसी का, ऐसा होने से भ्रम की स्थिति बन जाती है. इसको देखते हुए जितने होटल, ढाबे या फिर जितनी भी रास्ते की खानपान की दुकाने हैं, सब को यह आदेश जारी किया गया है. यह आदेश पूरे प्रदेश में जितने भी कांवड़ मार्ग हैं, उन सभी पर इसे लागू किया जाएगा. कांवड़ मार्ग के सारे दुकानदार अपनी दुकान पर प्रोप्राइटर का नाम आवश्यक रूप से लिखेंगे. ”
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