क्या फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए मंत्री बन गए टेटवाल? हाई कोर्ट में याचिका दाखिल, जानें पूरा मामला
मध्यप्रदेश में फर्जी जाति प्रमाणपत्र वाले जेल जाने की जगह मंत्री बन रहे है। राज्यमंत्री गौतम टेटवाल 2019 मे ओबीसी प्रमाणित हुए थे, चुनाव जीतने के लिये फिर बन गये एससी।
मध्यप्रदेश के रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप लगा है। उनके खिलाफ उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में याचिका दायर की गई है। राज्य के कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल के पास अनुसूचित जाति (एससी) से ताल्लुक रखने का प्रमाण पत्र है। इस प्रमाण पत्र को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता के एक वकील ने शुक्रवार को बताया कि याचिका में आरोप लगाया गया कि टेटवाल ने फर्जीवाड़े के जरिये अपने एससी के होने का प्रमाणपत्र बनवाकर राजगढ़ जिले की सारंगपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा।
याचिका के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आने वाले जिनगर समुदाय के हैं। सारंगपुर सीट एससी के लिए आरक्षित है। पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में टेटवाल ने इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कला महेश मालवीय को 23,054 वोट से हराया था। उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में टेटवाल के खिलाफ याचिका राजगढ़ जिले के निवासी जितेंद्र कुमार मालवीय ने दायर की है।
अगले हफ्ते हो सकती है सुनवाई
याचिकाकर्ता के वकील धर्मेन्द्र चेलावत ने संवाददाताओं को बताया कि याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। चेलावत ने याचिका में लगाए गए आरोपों के हवाले से बताया कि टेटवाल ओबीसी में आने वाले जिनगर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उन्होंने फर्जीवाड़े के जरिये उस मोची समुदाय का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया जो एससी के तहत आता है।
टेटवाल के जाति प्रमाण पत्र की जांच की मांग
धर्मेन्द्र चेलावत ने बताया कि याचिका के साथ टेटवाल के रिश्तेदारों से जुड़े अलग-अलग दस्तावेज भी उच्च न्यायालय में पेश किए गए हैं, जिनमें उनकी जाति कथित तौर पर जिनगर दर्शाई गई है। चेलावत ने बताया कि याचिका के जरिये अदालत से गुहार लगाई गई है कि टेटवाल से जुड़ा रिकॉर्ड तलब किया जाए और इसके आधार पर उनके जाति प्रमाणपत्र की जांच कराई जाए।