इसरो की सफलता में बिखरी थी भोपाल की मिट्टी की महक ,मिशन चंद्रयान-3 में मालवीय परिवार के लाल सचिन की थी महत्वपूर्ण भूमिका
Prakhar news viewa express
भोपाल।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तीसरे मिशन चंद्रायन-3 का सफल परीक्षण करते हुए सफलतापूर्वक लैंडिंग कराने को एक साल पूरा हो गया है । इस सफलता के बाद अब भारत पूरे विश्व में चांद के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला एक मात्र देश बन गया है। आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जायोग। इसरो की सफलता के भी एक वर्ष पूरे होने की जितनी खुशी देशवासियों को हो रही है उससे कहीं ज्यादा खुशी मध्यप्रदेश के लोगों को हो रही है। मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की खुशी का कारण भी है। दरअसल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शंकर गार्डन निवासी भेल के रिटायर्ड अधिकारी केसी मालवीय और शहर की जानीमानी समाज सेविका सविता मालवीय के बड़े पुत्र और इसरो के वैज्ञानिक इंजीनियर सचिन मालवीय का मिशन चंद्रयान - 3 की सफलता में बहुत बड़ा योगदान रहा है। मिशन चंद्रायन -3 के अलावा सचिन मालवीय ने टीम के साथ आदित्य एल -1 के सफल परिक्षण के लिए भी बहुत मेहनत की है। इसरो की इस अपार सफलता पर भोपाल के मालवीय परिवार के चिराग सचिन कुमार मालवीय ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और मिशन चंद्रायन - 3 में अपनी जिम्मेदारी से सफलता के नए आयाम स्थापित किए।
अपने वैज्ञानिक बेटे सचिन मालवीय की सफलता पर मां सविता मालवीय के आंखों से खुशी के आंसू झलक उठते हैं। वह कहती हैं कि जिस तरह से मैं अपने बेटे के राष्ट्र निर्माण में योगदान को लेकर गर्व महसूस कर रही हूं, उसी तरह ईश्वर दुनियां की हर मां को यह अवसर जरूर दे कि उनका लाल देश, समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना दायित्व निभा सके। वहीं सचिन के पिता केसी मालवीय बेटे की सफलता और भूमिका पर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हुए कहते हैं कि ऐसा सुपुत्र भगवान हर माता - पिता को दे। आज उसकी मेहनत की वजह से जब लोग हमें सचिन का अभिभावक कहते हैं तो हमारा सीना गर्व से ऊंचा हो जाता है।