स्कूलों व विद्यालयों में लगे वाहनों में मानक पूर्ण हो तभी संचालित हो वर्ना सख्त होगी कार्यवायी । एआरटीओ
सुनील शर्मा
प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस
उरई । सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी(प्रवर्तन) प्रथम दल राजेश कुमार ने बताया कि जनपद में संचालित समस्त विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धक/प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य को सूचित किया जाता है कि आपके विद्यालय में जो वाहन छात्र-छात्राओं को लाने व ले-जाने हेतु लगे हुये हैं, ऐसे समस्त वाहन विद्यालयी वाहन के समस्त मानको को पूर्ण करने के उपरान्त ही संचालित हों। साथ ही यह भी निर्देशित किया जाता है कि विद्यालयी वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र-छात्रायें न बैठाया जायें। अगर मार्ग चैकिंग के दौरान ऐसा कोई भी वाहन क्षमता से अधिक बच्चों को लाते या ले-जाते पाया जाता है तो उक्त वाहन के साथ-साथ विद्यालय प्रबन्धन के विरुद्ध भी नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी समाचार-पत्रों व पत्राचार के माध्यम से भी जनपद के समस्त विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों/प्रधानाध्यपकों/प्रधानाचार्यों को सूचित किया जा चुका है। परन्तु संज्ञान में आया है कि कुछेक विद्यालयों द्वारा उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है और मासूम बच्चों की जिन्दगी के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है।
ज्ञातव्य हो कि उ0प्र0 मोटर यान नियमावली 1998 के नियम-222(छ) में ऐसे प्रत्येक विद्यालय जिनके छात्र/छात्रायें/ शिक्षक वाहनों से आवागमन करते हैं उनकी सुरक्षा संबंधी मामलों की देख-भाल के लिये ‘‘विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति’’ का प्राविधान किया गया है, जिसमें संबंधित विद्यालय का प्राधिकारी, अध्यक्ष एवम् संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार, संबंधित पुलिस थाने के थानाधिकारी/चैकी प्रभारी, बीएसए एवम् जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नामित अधिकारी, विद्यालय यान आपरेटरों के 02 प्रतिनिधि, संबंधित विद्यालय के विद्यालय प्राधिकारी द्वारा नामित 02 संरक्षक, स्थानीय निकाय के अध्यक्ष/महापौर द्वारा नामित प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होते हैं, जिसकी वर्ष में जुलाई, अक्टूबर, जनवरी एवम् अप्रैल में बैठकें आयोजित किये जाने का प्राविधान है। लेकिन विद्यालयों के प्रबन्धकों/प्रधानाचार्यों को उक्त समिति के संबंध में लापरवाही/अनभिज्ञता के कारण अधिकांश विद्यालयों में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति का गठन नहीं हो पाया है, जबकि संबंधित/सक्षम अधिकारियों द्वारा उक्त समिति के गठन के लिये पूर्व में निर्देशित भी किया जा चुका है। यदि विद्यालयों के प्रबन्धकों/प्रधानाचार्यों ने ‘‘विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति’’ का गठन नहीं किया तो ऐसे विद्यालयों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
ऐसे वाहनों के विरुद्ध (जो विद्यालयी वाहन के मानक को पूर्ण न कर वाहन का संचालन करते पाये गये व वाहन में क्षमता से अधिक बच्चे बैठाये पाये गये) माह जुलाई, 2024 में 52 वाहनों के विरुद्ध एवम् माह अगस्त, 2024 में आज दिनाँक 09 अगस्त, 2024 तक कुल 36 वाहनों एवम् आज दिनाँक 09 अगस्त, 2024 को 79 वाहन चेक किये गये जिनमें से 14 वाहन नियम विरुद्ध पाये जाने पर श्री सुरेश कुमार सहा0सम्भा0परि0अधि0(प्रशा0/प्रर्व0) एवम् श्री विनय कुमार पाण्डेय यात्री/मालकर अधिकारी द्वारा उरई में व श्री राजेश कुमार सहा0सम्भा0परि0अधि0(प्रर्व0), जनपद-जालौन द्वारा कदौरा एवम् कालपी में अभियान चलाकर विभिन्न अभियोगों में चालान/निरुद्ध की कार्यवाही करते हुये जनपद के विभिन्न थानों में निरुद्ध किया गया। यह कार्यवाही जनपद में निरन्तर जारी रहेगी। उन्होंने स्कूल बस/वैन हेतु विशेष नियम के बारे में बताया कि वाहन पीले रंग का हो, स्कूल का नाम लिखा हो, बसों में 02 एवम् वैन में 01 अग्निशमन यंत्र अवश्य हो, फस्र्ट एड बाॅक्स अवश्य हो, गति सीमा यंत्र लगा हो, नियमानुसार सीट बेल्ट का प्रावधान हे, प्रेशर हाॅर्न/मल्टीटोन हाॅर्न न लगा हो, स्कूल बसों में आपातकालीन खिड़की/द्वार अवश्य हों, स्कूल बसों की खिड़की पर स्टील की छड़ क्षैतिज लगी हो, स्कूल बसों में सीट के नीचे स्कूल वैन रखने की जगह हो, बसों के प्रवेश द्वार पर हैण्डरेल लगा हो, वाहन पर पुलिस, फायर, एम्बुलेंस, हाॅस्पिटल, प्रिंसिपल, चालक, परिचालक का नम्बर अंकित होना अनिवार्य है।
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