दिग्विजय सिंह बोले- झारखंड में भाजपाइयों के घर तोड़ेंगे क्या?:रांची SSP का वीडियो पोस्ट किया, वीडी ने कहा- झूठ परोस रहे,छतरपुर मामले में दिग्विजय की एंट्री
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा- 'छतरपुर में थाने पर पथराव का मैं समर्थन नहीं करता। लेकिन इसके आरोप में हाजी शहबाज अली का मकान ज़मींदोज़ करना, उनकी गाड़ियों पर बुलडोजर चलाना और उन्हें गुनाहों का मुखिया घोषित करना भी संदेह पैदा करता है
झारखंड के रांची में प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी पुलिस पर पत्थर फेंके। इसे लेकर पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने X हैंडल पर रांची के एसएसपी चंदन सिन्हा का वीडियो शेयर किया है।'वीडियो में रांची के SSP कहते दिख रहे हैं, ‘भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थरबाजी की है। आप एक तरफ भारत माता की जय बोल रहे हैं। दूसरी तरफ भारत माता के जवानों को पत्थर मार रहे हैं, जिससे उनकी जान जा सकती है।’
छतरपुर में हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर अब कांग्रेस नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस मामले में प्रशासन की हठधर्मिता पर सवाल उठाए। साथ ही भाजपा नेताओं को घेरते हुए उनके कानून और संविधान से ऊपर निकल जाने की बात कही। इधर, मुस्लिम विकास परिषद ने भी इस कार्रवाई को एक समुदाय के खिलाफ पक्षपातपूर्ण बताया और इसे लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
छतरपुर में प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने लिखा- 'छतरपुर में थाने पर पथराव का मैं समर्थन नहीं करता। लेकिन इसके आरोप में हाजी शहबाज अली का मकान ज़मींदोज़ करना, उनकी गाड़ियों पर बुलडोजर चलाना और उन्हें गुनाहों का मुखिया घोषित करना भी संदेह पैदा करता है'। दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है कि भाजपा नेता जिस घटना को पत्थरबाजी से जोड़ रहे हैं, स्थानीय कलेक्टर उसे अवैध निर्माण का मामला बता रहे हैं। प्रशासन और राजनीतिक लोगों के बयानों में विरोधाभास है।
दिग्विजय बोले- सांसद बन गए कोतवाल
दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, 'कानूनी सवाल यह भी है कि किसी व्यक्ति का घर बिना प्रक्रियाओं को पूरा किए कैसे तोड़ा गया? सबसे बड़े कोतवाल सांसद जी बनकर उभरे और तुरंत बयान दे दिया कि पत्थर फेंकने वालों के साथ यही सलूक किया जाएगा और उन्हें नेस्तनाबूद कर देंगे'। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश में न्यायालय की भूमिका खत्म हो गई है? क्या स्थानीय पुलिस और सांसद ही कानूनी फैसले लेने के लिए नियुक्त कर दिए गए हैं?
मुस्लिम विकास परिषद ने सीएम को दिया ज्ञापन
मप्र मुस्लिम विकास परिषद ने छतरपुर मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा है। परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद माहिर ने बताया कि कुछ दिन पूर्व एक धार्मिक आयोजन में सुरेश राणे उर्फ महंत रामगिरी द्वारा इस्लाम धर्म को लेकर अपशब्द कहे गए, जिससे मुस्लिम समाज की भावनाएं आहत हुईं। इसे लेकर छतरपुर के मुस्लिम समाज ने थाना कोतवाली में महंत रामगिरी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध किया, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में आना-कानी की, जिससे विवाद हुआ और माहौल तनावपूर्ण हो गया। अगर, सूझबूझ से काम लिया जाता तो यह घटना टाली जा सकती थी।
एडवोकेट मोहम्मद माहिर ने कहा, "छतरपुर का जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। अब अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए प्रशासन बदले की कार्रवाई करते हुए लोगों के मकानों को तोड़ने का असंवैधानिक काम कर रहा है। उन्होंने मांग की है कि महंत रामगिरी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा कायम किया जाए और इस घटना की न्यायिक जांच करवाई जाए।
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