अगर भ्रष्टाचार किया है तो ED मारेगी छापा', राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का पलटवार; वायनाड कनेक्शन भी बताया
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद के उस बयान पर सियासी हलचल मची हुई है जिसमें उन्होंने कहा था कि ईडी उनपर छापेमारी की योजना बना ही है। इसे लेकर अब भारतीय जनता पार्टी राहुल पर हमलावर है। राहुल ने न सिर्फ संसद में ये बयान दिया बल्कि देर रात इसी बयान को एक्स पर भी पोस्ट किया। राहुल के इसी बयान पर अब सियासी हलचल मची हुई है।
निशिकांत दुबे ने राहुल को घेरा
इसे लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल को घेरा है। दुबे ने कहा, ईडी भ्रष्टाचारियों पर छापे मारती है। अगर उन्होंने भ्रष्टाचार किया है तो ईडी छापे मारेगी, अगर उन्होंने भ्रष्टाचार नहीं किया है तो ईडी छापे नहीं मारेगी। राहुल गांधी के पोस्ट का कारण है कि वायनाड में कांग्रेस कार्यकर्ता। कांग्रेस की नीतियां फेल हो गई हैं, भारत में गठबंधन की सरकार है, आज अगर केंद्र सरकार नहीं होती तो लोगों की जान नहीं बच पाती। राहुल वायनाड के मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
क्या कहा था राहुल ने
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि सदन में चक्रव्यूह वाले भाषण के बाद उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी की तैयारी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह ईडी के लोगों का दिल खोलकर इंतजार कर रहे हैं और उन्हें अपनी तरफ से चाय एवं बिस्कुट की पेशकश करेंगे। कांग्रेस नेता ने एक्स पर पोस्ट किया, जाहिर है कि ‘2 इन 1’ को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है। मैं ईडी का दिल खोलकर इंतजार कर रहा हूं। मेरी तरफ से चाय और बिस्कुट।
राहुल का चक्रव्यूह वाला भाषण
राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर हिंदुस्तान को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का आरोप लगाया था और कहा था कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा। उन्होंने यह दावा भी किया था कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मजबूती प्रदान की गई है, जबकि युवाओं, किसानों तथा मध्यम वर्ग को नजरअंदाज कर दिया गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि इंडिया गठबंधन सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराएगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी भी देगा।
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