महिला डॉक्टर के साथ हो सकती थी कोलकाता जैसी वारदात, विपक्ष ने उठाए सवाल : इंदौर एमवाय अस्पताल की घटना से मच गया बवाल..!

 


इंदौर।एमवाय अस्पताल में शनिवार रात महिला डॉक्टर रूम का ताला तोड़ने का प्रयास किया गया। इसे लेकर डॉक्टरों ने सीएमओ को शिकायत की है। बताया गया कि वहां कॉरिडोर में सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं था। जबकि कॉरिडोर के दूसरे हिस्से में एक गार्ड सो रहा था।

घटना रात 12.30 बजे पांचवी मंजिल के महिला डॉक्टर रूम के बाहर हुई। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट आकाश वर्मा ने कहा कि महिला डॉक्टर अंदर आराम करने गई थी। तभी एक मरीज के परिवार के शराबी युवक ने उसे तोड़ने का प्रयास किया। वहां कोई गार्ड भी नहीं था और न ही वहां सीसीटीवी कैमरा लगा है। इसकी सूचना रेजिडेंट डॉक्टर्स को उनके वाट्सएप ग्रुप से लगी। इसे लेकर सीएमओ को शिकायत की गई है।

सुपरिनटैंडैंट डॉ. अशोक यादव ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। किसी मरीज के परिजन ने ताला तोड़ने का प्रयास नहीं किया बल्कि उसे खटखटाया था। पूरे मामले की जानकारी निकाली जा रही है। वहां सिक्योरिटी गार्ड मौजूद था। डीन डॉ. संजय दीक्षित ने जांच के लिए चार सदस्यीय जांच कमेची बनाई है जो 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी।

हाल ही में उठा था एमवायएच की सिक्योरिटी का मामला

गौरतलब है कि कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद सुप्रीम कोर्ट और शासन ने अस्पतालों में महिला सुरक्षा का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही नौ बिंदुओं की गाइड लाइन जारी की है। शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने भी इसे लेकर सरकारी और प्राइवेट अस्पताल संचालकों की बैठक ली थी। इससे सीसीटीवी कैमरों पर खास जोर दिया था। बैठक में एमवाय अस्पताल की सुरक्षा का मामला भी उठा था कि अस्पताल कवर्ड नहीं है। अस्पताल के 6 गेट हैं। हर गेट पर सुरक्षा में कसावट जरूरी है।

कांग्रेस विधायक डॉ विक्रान्त भूरिया ने मोहन सरकार पर साधा निशाना

जूडा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक डॉ विक्रान्त भूरिया का MY अस्पताल की घटना पर बड़ा बयान सामने आया है। विक्रांत भूरिया ने कहा कि महिला स्टाफ कहीं किसी अस्पताल में सुरक्षित नहीं है। सरकार सिर्फ हवा में दावे करती है। डॉ प्रोटेक्शन एक्ट सिर्फ दिखावे के लिए लागू है। अस्पतालों में मारपीट,छेड़खानी की घटनाएं हकीकत है। महिला डॉक्टर असुरक्षित हैं,ये घटनाएं पहले भी हुईं हैं,ऐसे हादसों की जिम्मेदार सरकार है। डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।

महिला डॉक्टर ने बताई पूरी घटना

इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में शनिवार रात करीब 12:30 बजे फिर एक ड्यूटी डॉक्टर को निशाना बनाया गया। एक महिला ड्यूटी डॉक्टर अपना पूरा राउंड कंप्लीट करने के बाद जब फीमेल डॉक्टर ड्यूटी रूम में आराम करने पहुंचती है तो कोई उसके दरवाजे पर जोर-जोर से ठोकता है। दरवाजे को इस तरह से ठोका जाता है कि मानो उसे तोड़ने का इरादा हो। जब मौके पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर सहम कर दरवाजा खोलती है तो उसे दिखता है कि एक नशे में धुत अटेंडर उसके दरवाजे पर खड़ा है और चिल्ला रहा है। जब वह खुद के बचाव के लिए चिल्लाती है तो मौके पर एक भी गार्ड मौजूद नहीं रहता है। देखने को मिलता है की पूरे फ्लोर पर ड्यूटी के लिए केवल एक ही गार्ड है और वो भी नींद निकल रहा है।

इसके बाद सभी ड्यूटी डॉक्टर वहां पहुंचते हैं और उसे अटेंडर को वहां से बाहर निकालते हैं। गौरतलब है कि डॉक्टरों ने खुद ही अपने आप को इस व्यक्ति से बचाया । इस मामले में किसी भी तरह का सीसीटीवी फुटेज भी सामने नहीं आ पाया और इसका कारण यही था कि वहां सीसीटीवी कैमरे थे ही नहीं। वह अस्पताल जहां गार्डस की तैनाती और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होनी चाहिए वो पूरी तरह सुनसान पड़ा है। ऐसे में पीड़ित डॉक्टर ने आईबीसी 24 पर अपनी आप बीती भी सुनाई है।

कहीं भी सुरक्षित नहीं महिलाएं

राजनीति से अलग हटकर अगर इसे आम तरह से देखा जाए तो हर किसी के मन में खौफ है। कोलकाता में हुए आभ्या कांड के बाद से सभी सहमें हुए हैं। आईबीसी से बातचीत के दौरान सोशल वर्कर रूबी सलूजा ने कहा की महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है चाहे वह स्कूल हो वैन हो सड़क को या फिर एक अस्पताल। महिलाओं को खुद की सूझबूझ और हिम्मत से ही अपना बचाव करना होता है। अस्पतालों की हालत दयनीय है जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में एमवाय अस्पताल में देखने को मिला है।


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