पीड़िता ने काली कोट पर जमीन हड़पने का लगाया गंभीर आरोप पीड़िता ने किसान भाइयों से किया आग्रह हर किसान अपने एक बेटे को बनाए वकील नहीं तो नहीं बचेगी गरीबों की जमीन
सुनील त्रिपाठी/गणेश अग्रहरि
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
कौशांबी। कोखराज थाना क्षेत्र के रसूलपुर गिरसा गांव निवासिनी आशा देवी पत्नी वीरेंद्र कुमार मौर्य ने मंझनपुर के तमन्ना पैलेस में बुधवार के दिन समय लगभग तीन बजे प्रेस वार्ता कर बताया कि रसूलपुर गिरसा परगना कड़ा तहसील सिराथू जनपद कौशांबी की पुरानी आराजी संख्या 312 रकबा दो विश्वा 1356 फसली तथा पुरानी आराजी संख्या 312/1 रकबा दो विश्वा व 312/2 रकबा दो विश्वास स 1369 फसली में पीड़िता के पूर्वज राम अवतार के पूर्वज इसी आरजी में एक कुआं व सिंचाई हेतु बोरिंग करा कर पक्का मकान निर्मित करके जीवन यापन किया और काबिज एव दाखिल रहे पूर्वजों के मृत्यु पश्चात पीड़िता अपने पति के साथ स्वामी व दाखिल है जिसमें पीड़िता का पक्का मकान का निर्माण ,चरही, पिलर ,बाउंड्री आदि निर्मित करके आबाद है चकबंदी आने पर पुरानी आराजी संख्या 312 लगभग एक विश्व 10 धूर पर बिना किसी आदेश के फर्जी तरीके से राम अवतार पुत्र बदल ने दर्ज करा लिया किंतु कब्जा दखल कभी नहीं रहा है और चकबंदी के पश्चात नहीं आराजी संख्या 393 ख रकबा एक विश्व 10 धूर फर्जी दर्ज करा लिया यही फर्जी इंद्राज से रुपे लाल आदि का नाम वरासत दर्ज हुआ जिसे विपक्षी गुलाब चंद्र पुत्र दुलारे निवासी रसूलपुर गिरसा व राम बिलाष पुत्र बुद्दन निवासी रामपुर सुहेला उर्फ अल्लीपुर ने कथित बैनामा के आधार पर खतौनी में दर्ज कर लिया जो बैनामा अंतरण है क्योंकि विपक्षी गण के अतिरिक्त अन्य लोग छविराम व भोंदू व पिंकू व किशनू पुत्र कल्लू यादव व बल्लू और लालू व सानू व कान्हा पुत्र कर स्वर्गीय दयानंद व विष्णु पुत्र शिव मूरत कोरी व विक्रम पुत्र किशन व किशन पुत्र अज्ञात आद लोग इस जमीन पर क्यों आते हैं जबकि इन दबंगों का उस जमीन पर किसी प्रकार से लेना देना नहीं है इसके बावजूद भी आए दिन पीड़िता के जमीन पर जबरन कब्जा करने का दावा बनाते हैं पीड़िता जब भी अपना मकान बनाने के लिए निर्माण करने के लिए ईटा बालू सरिया रखती है वैसे ही उपरोक्त दबंग जिंदा गाड देने की धमकी देते हैं जिसकी शिकायत पीड़िता ने पुलिस से कई बार किया पुलिस ने जांचोंपरांत विपक्षियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर लिया । मुकदमा दर्ज हो जाने से विपक्षियों के बौखालाहट शुरू हो गई और सुलह हो ने के दबाव बनाने लगे सुलह ना होने पर अराजक तत्वों मारपीट करने पर आमादा रहते हैं। फर्जी इंद्राज ने पीड़ित की भूमि खतौनी में कम हो गयी और खतौनी में 393 क रकबा एक विस्वा 10 धूर दर्ज है लेकिन कब्जा पूर्वजों के समय से संपूर्ण रकवा पर पीड़िता का रहा फर्जी इंद्राज निरस्त करने हेतु जिला अधिकारी के समक्ष धारा 27 (3) चकबंदी अधिनियम का वाद विचाराधीन है जिसमें बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी कौशांबी की आख्या में बिना आदेश के फर्जी इंद्राज की आख्या प्रेषित है।
प्रेस वार्ता के दौरान पीड़िता ने बताई कि मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं यह मैं देखती हूं कि छविराम यादव कालीकोट पहनकर कहीं आता जाता है जिसके बल पर, काली कोट के बल पर मेरी जमीन को हड़प कर रहा है और मैं भी अब अपने एक बच्चे को पढ़ा लिखा कर काली कोट पहनाऊगी और सभी किसान भाइयों से आग्रह करती हूं कि यदि काली कोट के चलते सरकारी जमीन और गरीबों के जमीन पर काली कोट धारण करने से यदि सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन मिल जाती है तो मैं भी अपने बेटे को वकील बना दूंगी तो मुझे भी सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन हड़पने को मिल जाएगी आज मेरे साथ न्याय नहीं मिला तो काली कोट के पहनने से जिस व्यक्ति के ऊपर 2010 में मुकदमा संख्या 358 थाना कोखराज में जगरूप पुत्र रामेश्वर व बृजलाल पुत्र संपत लाल जाति चमार के घर पर छविराम यादव घुसकर बहन बेटियों के साथ अत्याचार किया था तब कोखराज पुलिस ने छविराम यादव पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। 2022 मुकदमा संख्या 168 थाना कोखराज पुलिस ने गंभीर धाराओं के साथ मुकदमा दर्ज किया था। पीड़िता ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि जिस जमीन पर विवाद चल रहा है उस जमीन पर छविराम यादव का कुछ भी लेना-देना नहीं है ना हमारा जाती है ना हमारा बिरादर है ना हमारा रिश्तेदार है और ना ही विपक्षियों का रिश्तेदार है और ना ही पक्षियों का नातेदार है और ना ही विपक्षियों का बिरादर है । छविराम यादव कालीकोट के चलते गरीबों के जमीन पर डाका डाल रहा है 9 अगस्त 2024 को छविराम यादव ने कई कालीकोट के चलते जमीन पर डाका डालने के लिए अपने साथियों के साथ पहुंचा था जिस पर पीड़िता ने कोखराज थाने में आरोपी के विरोध और आरोपी के साथियों के साथ गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज कराया था छविराम यादव इतने पर अभी रुक नहीं 1 सितंबर 2024 को समय लगभग 10:00 बजे लगभग 40 से 50 साथियों के साथ उक्त जमीन पर जबरन कब्जा करने के लिए पहुंचा और छविराम यादव अपने आप को घोषित कर रहा है कि मैं बीच बचाव करने गया था यदि बीचबचाव करने गया तो 9 तारीख को मुकदमा किस कारण से दर्ज हुआ यह लोगों में हजम नहीं हो रहा है कि आखिर छविराम यादव का कुछ लेना ना देना फिर भी उस जमीन पर क्या करने जाता है लोगों को अब विश्वास उठ रहा है कि कालीकोट के चलते सरकारी जमीन और गरीबों के जमीन पर कब्जा किया जा रहा है एक 1 सितंबर 2024 को छविराम यादव स्वयं लाठी डंडा लेकर झगड़ा करते हुए दिखाई दे रहा है जिसका वीडियो वायरल हो रही है।