MP में राजसात होगी भ्रष्ट अफसरों की प्रॉपर्टी, खंडवा के मामले में नोटिस
Government Action : मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों को सबक सिखाने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने लोकायुक्त को निर्देश दिया है कि जिन भी भ्रष्ट अधिकारीयों के पास से छापामारी में करोड़ो की उगाही हुई है उनकी, आय से अधिक संपत्ति को जब्त किया जाए। सरकार ने अपने फैसले में ये भी कहा कि जिन अफसरों की आय से अधिक संपत्ति पाई जाए, उनपर भी कोर्ट केस चलाया जाए और उनकी संपत्ति राजसात की जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले की पुष्ठभूमि साल 2015 की है। साल 2015 में लोकायुक्त ने खंडवा के खाद्य विभाग में काम करने वाले अधिकारीयों के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापामारी में लोकायुक्त ने करोड़ों रुपए जब्त किए थे। लोकायुक्त को यहां करोड़ों की अघोषित संपत्ति भी मिली थी। मामले में एक अधिकारी अश्वनी नायक को अब कोर्ट में पेश भी किया जाना है, जिनसे इन अघोषित संपत्ति की जानकारी मांगी जाएगी। जानकारी न देने पर उनकी संपत्ति को सरकार राजसात करेगी। इस आशय का नोटिस सरकार ने राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया है।
नोटिस हुई प्रकाशित।
इसकी शुरुआत हो चुकी है जहां वर्ष 2015 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में खाद्य विभाग के अधिकारी अश्विनी नायक के ठिकानों पर लोकायुक्त टीम ने दबिश छापामार कार्यवाही की थी इस दौरान अधिकारी के यहां आय से अधिक संपत्ति मिली थी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत न्यायालय में प्रकरण चल रहा है कोर्ट द्वारा उनकी संपत्ति से संबंधित जानकारी चाही गई है और अगर जानकारी नहीं दी जाती तब उनकी संपत्ति को सरकार राजसात करेगी। इस संबंध में सरकार ने राज्य पत्र में नोटिस भी प्रकाशित कर दिया है।
पिछले महीने सेवानिवृत्त अधिकारी के घर मारा था छापा
मध्य प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए और भ्रष्ट अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए सिर्फ कार्यरत ही नहीं, सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारीयों पर भी कार्रवाई करने जा रही है। लोकायुक्त ने पिछले महीने 9 अगस्त को भोपाल नगर निगम के काम करने वाले सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री के घर में भी छापा मारा था। तलाशी के दौरान उसके पास 5 करोड़ से अधिक अचल संपत्ति, 86 लाख से ज्यादा के जेवरात के बिल, लाखों के निवेश के दस्तावेज और विदेश यात्रा के दस्तावेज मिले थे।
भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप।
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी आए दिन लोकायुक्त द्वारा धरे जा रहे हैं भ्रष्ट अधिकारियों के यहां समय-समय पर लोकायुक्त टीम द्वारा छापामार कार्यवाही की जाती है जहां भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों के यहां आय से अधिक संपत्ति मिलती है ऐसे मामलों को लेकर अब सरकार सख्त हो रही है आय से अधिक पाई गई संपत्ति को राजसात करने की जरी नोटिस के बाद अब भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है।
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