सीएम योगी का आदेश,सरकारी भवनों में प्रयोग होगा गाय के गोबर से बना पेंट
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सरकारी इमारतों पर गोबर आधारित पेंट के उपयोग और डेयरी क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने का निर्देश दिया. 40,968 हेक्टेयर चरागाह अतिक्रमण मुक्त किए गए. ग्रामीण रोजगार और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.

लखनऊ : निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने की कसरत में जुटी सरकार गाय के गोबर से तैयार पेंट को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में इस पेंट को तैयार करने के लिए प्लांट्स की संख्या बढ़ाने को भी गया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पशुपालन और दुग्ध विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार हैं। इन क्षेत्रों में आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं। तकनीक, निवेश और नवाचार को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों के मध्य और गो-उत्पाद बनाने वाली संस्थाओं के बीच प्रतियोगिता आयोजित कराने के भी निर्देश दिए हैं। रविवार को पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिन्हित कर सम्मानित किया जाए।
इस बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में दुग्ध उपार्जन 3.97 लाख लीटर प्रतिदिन दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। समितियों की सदस्यता में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 24,031 दुग्ध उत्पादकों को प्रशिक्षण मिला है। वाराणसी, अयोध्या, बरेली, मिर्जापुर, मथुरा व बस्ती में प्रमुख दुग्ध संघों को 8.18 करोड़ रुपये से ज्यादा का लाभ हुआ है। वर्ष 2025-26 में 4,922 नई सहकारी दुग्ध समितियों के गठन तथा 21922 समितियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में प्रदेश के 7693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं।
वाराणसी और मुजफ्फरनगर में गो आश्रय स्थलों की आत्मनिर्भरता के लिए बायो गैस प्लांट की स्थापना की जा रही है। बरेली में वृहद गो संरक्षण केंद्रों में गोबर से जैविक खाद और गोमूत्र से प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया भी चल रही है। 40,968.29 हेक्टेयर गोचर भूमि को कब्जामुक्त कराने की जानकारी भी दी गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आश्रय केंद्रों में केयर टेकर की तैनाती, भूसा बैंक की स्थापना, पानी, हरा चारा और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिन्हित कर सम्मानित किया जाए।
जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना में गाय उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने दुग्ध उत्पादन, प्राथमिक सहकारी समितियों की संख्या बढ़ाने और सदस्यों के प्रशिक्षण कराने के भी निर्देश दिए।