राज्यरानी एक्सप्रेस के टाॅयलेट में मिला नवजात, बीना जंक्शन पर किया रेस्क्यू, सागर मेडिकल कॉलेज भेजा

बीना में राज्यरानी एक्सप्रेस के जनरल कोच के टॉयलेट में एक नवजात मिला। यात्री ने सागर स्टेशन के पास बच्चे को देखा और 139 हेल्पलाइन पर सूचना दी। लेकिन सागर और खुरई स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ ने कोई कार्रवाई नहीं की।

राज्यरानी एक्सप्रेस के टाॅयलेट में मिला नवजात, बीना जंक्शन पर किया रेस्क्यू, सागर मेडिकल कॉलेज भेजा

आवाज' संस्था की महिला सदस्य की मदद से नवजात को बाहर निकाला गया। बच्चे को तुरंत बीना सिविल अस्पताल ले जाया गया।

MP News: दमोह से भोपाल जा रही राज्यरानी एक्सप्रेस में 2 दिन का नवजात टॉयलेट में पड़ा मिला. बताया जा रहा है कि शिशु के मिलने की सूचना के बावजूद लगभग 80 किलोमीटर तक RPF (रेलवे सुरक्षा बल) और GRP (राजकीय रेलवे पुलिस) ने मदद नहीं की. ट्रेन में सवार एक सजग यात्री ने जब सागर स्टेशन के पास बच्चे को जनरल कोच के टॉयलेट में देखा, तो उसने 139 हेल्पलाइन नंबर पर तत्काल सूचना दी. ‘आवाज’ संस्था की महिला सदस्य की मदद से नवजात को बाहर निकाला गया और तत्काल बीना सिविल अस्पताल ले जाया गया. बच्चा अभी पूरी तरह स्वस्थ्य है.

बिना किसी देखरेख के 80 किमी तक यात्रा करता रहा नवजात

बताया जा रहा है कि जानकारी मिलने के बावजूद सागर, खुरई और अन्य स्टेशनों पर RPF और GRP हरकत में नहीं आई. इस दौरान नवजात बिना किसी देखरेख के 80 किमी तक यात्रा करता रहा. इसके बाद ‘आवाज’ संस्था की महिला सदस्य की मदद से नवजात को बाहर निकाला गया और बीना सिविल अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर्स की टीम ने नवजात को पूरी तरह स्वस्थ बताया है.

साधारण कपड़े में लिपटा था, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ मिला नवजात

नवजात एक साधारण कपड़े में लिपटा हुआ मिला था, लेकिन डॉक्टरों की जांच में वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। बीना में शिशु रोग विशेषज्ञ और समुचित संसाधन उपलब्ध न होने के कारण बच्चे को सागर अस्पताल रेफर कर दिया गया,

इस पूरी घटना की जहां एक ओर बीना पुलिस की त्वरित कार्य प्रणाली की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी ओर सागर और खुरई जैसी बड़ी स्टेशनों पर जीआरपी और आरपीएफ की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो गए हैं.

बच्चे की मां के बारे में जानकारी जुटाई जा रही

बीना GRP के ASI सुभाष मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. बच्चे की पहचान और उसकी मां के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. फिलहाल राहत की बात यही है कि नवजात सुरक्षित है.