यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर लगेगी रोक? मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार
निमिषा की मां प्रेमा कुमारी और उनके पति टॉमी थॉमस लगातार उनकी सजा माफ कराने की कोशिश कर रहे हैं। 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' भी फंड जुटाने और ब्लड मनी के लिए बातचीत में सक्रिय है।

निमिषा प्रिया साल 2008 में नर्स के तौर पर काम करने के लिए यमन गई थी। कुछ समय बाद निमिषा ने यमन के नागरिक महदी के साथ मिलकर अपना क्लीनिक खोलने का फैसला किया। साल 2017 में महदी का शव मिलने के बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। निमिषा इस समय यमन की राजधानी सना की केंद्रीय जेल में बंद है।
यमन में मौत की सजा पाई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने की संभवतः आखिरी कोशिश शुरू हो गई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने निमिषा प्रिया को बचाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को भी इस मामले की सुनवाई में शामिल होने को कहा है। निमिषा प्रिया को यमन में यमनी नागरिक की हत्या के मामले में 16 जुलाई को मौत की सजा दी जा सकती है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले को 14 जुलाई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कूटनीतिक तरीके से निमिषा को बचाने की कोशिश की जा सकती है। वकील ने कहा कि मृतक के परिवार को ब्लड मनी देकर निमिषा की सजा माफ कराई जा सकती है।
निमिषा पर अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या का आरोप
निमिषा प्रिया (38 वर्षीय) केरल के पलक्कड़ जिले की निवासी है और उसे साल 2017 में यमन में अपने बिजनेस पार्टनर महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया है। निमिषा को महदी की हत्या के मामले में साल 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। निमिषा की अंतिम याचिका को यमन की अदालत ने साल 2023 में ही खारिज कर दिया था। निमिषा को बचाने में जुटे एक संगठन से जुड़े लोगों ने दावा किया है कि निमिषा को 16 जुलाई को फांसी दी जा सकती है। निमिषा को बचाने का एकमात्र रास्ता यही है कि महदी के परिजन उसे माफ़ कर दें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निमिषा के परिजनों और समर्थकों ने 10 लाख डॉलर दियाह या ब्लड मनी की पेशकश की है, लेकिन निमिषा का बचना तभी मुमकिन है, जब महदी का परिवार इस रकम को स्वीकार करे और निमिषा को माफ कर दे। निमिषा प्रिया साल 2008 में नर्स के तौर पर काम करने के लिए यमन गई थी। कुछ समय बाद निमिषा ने यमन के नागरिक महदी के साथ मिलकर अपना क्लीनिक खोलने का फैसला किया। साल 2017 में महदी का शव मिलने के बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। निमिषा इस समय यमन की राजधानी सना की केंद्रीय जेल में बंद है।
निमिषा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया था खारिज
निमिषा पर आरोप है कि उसने महदी को 'बेहोशी की दवा की ज्यादा खुराक' देकर मार डाला। हालांकि निमिषा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और यमन की कोर्ट में निमिषा के वकील ने तर्क दिए थे कि महदी ने उसे शारीरिक यातनाएं दीं, उनका सारा पैसा छीन लिया, उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया और उसे डराया-धमकाया। निमिषा के वकील ने कोर्ट से कहा था कि निमिषा सिर्फ बेहोशी की दवा देकर महदी से अपना पासपोर्ट वापस हासिल करना चाहती थी, लेकिन दुर्घटनावश दवा की मात्रा अधिक हो गई। जिससे महदी की मौत हो गई। जनवरी 2024 में यमन के हूती विद्रोहियों की सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल ने भी निमिषा को फांसी देने की मंजूरी दे दी। निमिषा की मां साल 2024 से यमन में हैं और अपनी बेटी को बचाने की कोशिशों में लगी हुई हैं।