ना पद स्थाई, ना मेडिकल ,अवकाश बीमा का लाभ, तो अतिथि शिक्षकों को ई अटेंडेंस क्यों ??

"ई-अटेंडेंस से पहले सरकार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करे – समन्वय समिति"

ना पद स्थाई, ना मेडिकल ,अवकाश बीमा का लाभ, तो अतिथि शिक्षकों को ई अटेंडेंस क्यों ??

स्थायीत्व, मेडिकल अवकाश और बीमा लाभ से वंचित अतिथि शिक्षकों पर ई-अटेंडेंस थोपना अन्यायपूर्ण।

भोपाल।अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने ई अटेंडेंस लागू करने पर कहा है कि सरकार पहले अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करे। स्थाई शिक्षकों जैसे आकस्मिक/ऐच्छिक अवकाश, बीमा और मेडिकल अवकाश की सुविधा दे , हमारी हजारों अतिथि शिक्षक बहिनों को प्रसूति अवकाश दे तब अतिथि शिक्षकों पर ई अटेंडेंस लागू की जाय । आज प्रदेश में हजारों अतिथि शिक्षकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं हैं। विगत 17 वर्षों से प्रतिवर्ष तीन चार माह बेरोजगार रहते हैं। अधिकांश अतिथि शिक्षक 40 की उम्र पार कर चुके हैं। ऐसे में वो मोबाइल खरीदें या परिवार का भरण पोषण करें। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के अतिथि शिक्षकों को लगभग 60 km दूर जाकर अध्यापन करवाना होता है। बरसात में नदी नाले उफान पर होते हैं,सड़कों पर जानवर मिलते हैं, कभी गाड़ी खराब हो जाती है,कहीं नेटवर्क नहीं मिलता,कहीं बिजली नहीं होती ऐसी तमाम समस्याएं धरातल पर हैं । जिन पर सरकार को विचार करना चाहिए।ज्यादातर स्कूलों में अतिथि शिक्षक ही विद्यालय ताला खोलते हैं और वही बंध भी करते हैं। इसके अलावा उनका परीक्षा परिणाम भी बेहतर है। 

स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलेंगे पदाधिकारी 

संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी स्कूल शिक्षा मंत्री जी और आयुक्त महोदय से मुलाकात कर ई अटेंडेंस पर पुनर्विचार करने का आग्रह करेंगे। साथ ही अतिथि शिक्षक भर्ती में अनुभव के आधार पर वरीयताक्रम में प्राथमिकता देने की मांग करेंगे । सरकार अपने वादों से मुकर रही है। सीधी भर्ती में बोनस अंक देने का वचन दिया था आज तक उसका आदेश जारी नहीं किया ।

पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर करेंगे काम 

जब तक ई अटेंडेंस का आदेश वापस नहीं लेते कोई भी अतिथि शिक्षक ई अटेंडेंस नहीं लगाएगा। सभी अतिथि शिक्षक काली पट्टी बांधकर सेवाएं देंगे । हमारी मानें नहीं मानी तो विधानसभा सत्र से पहले भोपाल में करेंगे बड़ा आंदोलन ।