पिता द्वारा नाबालिग पुत्री से अश्लील हरकत – न्यायालय ने सुनाई 5 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा
शुजालपुर तहसील क्षेत्र में एक नाबालिग पुत्री के साथ अश्लील हरकत करने वाले पिता को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश, शुजालपुर की अदालत ने दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट एवं आईपीसी की धाराओं के तहत 5 वर्ष सश्रम कारावास व 1500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। घटना 28 मार्च 2024 की रात की है, जब आरोपी ने अपनी बेटी के साथ जबरन अश्लील हरकत की और जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने साहस दिखाते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। न्यायालय ने साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष के तर्कों के आधार पर आरोपी को दोषी पाया। साथ ही पीड़िता को मानसिक आघात के लिए ₹10,000 मुआवजा देने का आदेश भी दिया गया।

अजय राज केवट माही
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस भोपाल मध्य प्रदेश
शाजापुर | प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस,शुजालपुर तहसील क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना में न्यायालय ने आरोपी पिता को उसकी नाबालिग पुत्री के साथ अश्लील हरकत करने के अपराध में दोषी पाते हुए कठोर सजा सुनाई है। श्रीमान तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, शुजालपुर की अदालत ने आरोपी को धारा 354 भादवि में 1 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपये जुर्माना, तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 9(एन)/10 में 5 वर्ष सश्रम कारावास व 1000 रुपये जुर्माना से दंडित किया।
घटना का विवरण:
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दिनांक 28 मार्च 2024 को रात्रि करीब 2 बजे पीड़िता को अश्लील हरकत का आभास हुआ। जब उसने आंखें खोलीं तो देखा कि उसका स्वयं का पिता उसके साथ आपत्तिजनक हरकत कर रहा था। घबराकर जब पीड़िता चिल्लाई तो आरोपी ने उसका मुंह दबाया और धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया या पुलिस में रिपोर्ट की, तो वह उसे और उसकी मां को जान से मार देगा।
पीड़िता की आवाज सुनकर उसकी छोटी बहन जाग गई, जिसके बाद दोनों बहनें डर के मारे घर से भागकर पास ही ईंटों के ढेर के पीछे छिप गईं। वहां से पीड़िता ने एक राहगीर से फोन मांगकर अपनी मां को सूचना दी। साधन और रात होने के कारण मां सुबह मौके पर पहुंची और बाद में थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई गई।
न्यायिक कार्रवाई:
अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्यों और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत ठोस तर्कों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषसिद्ध मानते हुए सजा सुनाई। इसके साथ ही पीड़िता को मानसिक आघात के चलते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ित प्रतिकार योजना के अंतर्गत ₹10,000 की सहायता राशि दिलवाने का आदेश भी दिया गया।
इस मामले में अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजय मोरे ने पक्ष रखकर आरोपी को दोषसिद्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। न्यायालय कार्यवाही में कोर्ट मोहर्रिर श्री धर्मेन्द्र राजपूत ने सहयोग प्रदान किया।