ग्राम पंचायतों में बाल एवं किशोर डिजिटल पुस्तकालय स्थापना की तैयारी, जनपद स्तरीय समिति करेगी पुस्तकों का चयन

ग्राम पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की तैयारी शुरू

ग्राम पंचायतों में बाल एवं किशोर डिजिटल पुस्तकालय स्थापना की तैयारी, जनपद स्तरीय समिति करेगी पुस्तकों का चयन

स्थानीय भाषा, संस्कृति और इतिहास से जुड़ी सामग्री को प्राथमिकता

उरई । प्रदेश शासन के निर्देशानुसार जनपद में ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल पुस्तकालय (बाल एवं किशोर पुस्तकालय) की स्थापना हेतु प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। इस संबंध में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय समिति द्वारा पुस्तकों के चयन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशानुसार चयनित पुस्तकों में 50 प्रतिशत पुस्तकें शासकीय प्रकाशकों अथवा प्रतिष्ठित गैर-शासकीय प्रकाशकों की होंगी, जिनमें विशेष रूप से स्थानीय भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास से जुड़ी सामग्री को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें स्थानीय साहित्यकारों, स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्रनायकों व शहीदों की जीवनी, क्षेत्रीय लेखकों, कवियों तथा विद्वानों की पुस्तकों को भी सम्मिलित किया जाना अनिवार्य होगा। साथ ही, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों, महिलाओं एवं बाल पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी सामग्री भी पुस्तक चयन का अहम हिस्सा होगी। चयन प्रक्रिया में पुस्तकों की सामर्थ्य (प्रासंगिकता), मूल्य, तथा भाषा की सहजता जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।जनपद स्तरीय समिति द्वारा पुस्तकों का चयन किया जाएगा। इस हेतु जो भी व्यक्ति, फर्म या संस्था उपरोक्त विषय-वस्तु से संबंधित पुस्तकें डिजिटल पुस्तकालयों हेतु उपलब्ध कराना चाहते हैं, वे अपने प्रकाशन व लेख से संबंधित विवरण जनपद की ईमेल आईडी dprojl-up@nic.in पर अथवा हार्ड कॉपी में जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय, जालौन में प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जो ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी विशेष पुस्तक या पाठ्य सामग्री अपनी ग्राम पंचायत की डिजिटल पुस्तकालय में पढ़ना चाहते हैं, वे भी अपनी वांछित पुस्तकों/सामग्री की सूची उपरोक्त ईमेल पर भेज सकते हैं।यह पहल न केवल ग्रामीण बच्चों और किशोरों को गुणवत्तापूर्ण ज्ञान-सामग्री से जोड़ने का माध्यम बनेगी, बल्कि स्थानीय साहित्य और इतिहास के संरक्षण एवं प्रचार को भी सशक्त बनाएगी।