छतरपुर की बेटी के आगे अंग्रेजों ने टेके घुटने! इंग्लैंड में क्रांति गौड़ की तूफानी बॉलिंग से टीम इंडिया ने रचा इतिहास! 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की बेटी क्रांति गौड़ ने इंग्लैंड में अपने शानदार प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। तेज़ गेंदबाज़ क्रांति की तूफानी बॉलिंग के आगे इंग्लिश बल्लेबाज़ टिक नहीं पाए और टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत मिली। उनके प्रदर्शन ने देश का मान बढ़ाया और एक बार फिर साबित किया कि बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं।

छतरपुर की बेटी के आगे अंग्रेजों ने टेके घुटने! इंग्लैंड में क्रांति गौड़ की तूफानी बॉलिंग से टीम इंडिया ने रचा इतिहास! 

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने अपना 'प्लेयर ऑफ द मैच' पुरस्कार क्रांति के साथ साझा किया, खेल भावना का परिचय दिया, जीता सबका दिल

छतरपुर। छतरपुर जिले के घुवारा की रहने वाली क्रांति गौड़ की 6 विकेट की घातक गेंदबाज़ी और हरमनप्रीत कौर के धमाकेदार शतक से भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड के चेस्टर-ली-स्ट्रीट में खेले गए तीसरे वनडे मैच में 13 रन से हराया. भारत ने पहली बार इंग्लैंड में टी 20 और वनडे दोनों सीरीज जीतकर इतिहास रचा. हरमनप्रीत ने अपना प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड क्रांति के साथ शेयर किया. इंग्लैंड के चेस्टर-ली-स्ट्रीट में खेले गए तीसरे वनडे मैच में

#मात्र 18 वर्ष की उम्र में युवा प्रतिभा क्रांति ने एक अविस्मरणीय प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई है। क्रांति गौड़ ने अपनी घातक गेंदबाजी से लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम को घुटने टेकने मजबूर कर दिया। क्रांति ने टीम इंडिया के लिए 9.5 ओवर में 52 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान उन्होंने एक मेडन भी डाला। यह उपलब्धि क्रांति के असाधारण कौशल, धैर्य और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता को दर्शाती है। वहीं भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 82 गेंदों में 14 चौकों की मदद से 102 रनों की शतकीय पारी खेली.

हरमनप्रीत ने जीता सबका दिल

मैच के बाद, भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने खेल भावना का परिचय देते हुए अपना 'प्लेयर ऑफ द मैच' (मैन ऑफ द मैच) पुरस्कार क्रांति गौड़ के साथ साझा किया। यह एक ऐसा क्षण था जिसने खेल जगत में सभी का दिल जीत लिया और क्रांति के लिए कप्तान के समर्थन और विश्वास को उजागर किया।

ऐसा रहा क्रांति का सफर

बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले के छोटे से कस्बे घुवारा की बेटी क्रांति गौड़ ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी। 11 अगस्त 2003 को जन्मी क्रांति, छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। आर्थिक रूप से साधारण परिवार से आने वाली क्रांति के पिता ने बाधाओं के बावजूद उन्हें क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलाया, जबकि उनके सबसे बड़े भाई मयंक सिंह उनके सबसे बड़े प्रेरक रहे। क्रांति ने टेनिस-बॉल क्रिकेट से शुरुआत की और 14 साल की उम्र में लेदर-बॉल क्रिकेट में कदम रखा था और आज वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मिट्टी का मान बढ़ा रही हैं। अपने प्रदर्शन से क्रांति ने साबित किया है कि छोटे कस्बों से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। इसी साल डब्ल्यूपीएल में यूपी वॉरियर्स ने उन्हें 10 लाख रुपये में खरीदा, जहां उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 4/25 के शानदार प्रदर्शन किया. सीनियर वीमन्स वन-डे ट्रॉफी में भी उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए 9 मैचों में 15 विकेट लिए, जिसके फाइनल में बंगाल के खिलाफ 4 विकेट शामिल थे.

क्रांति के हुनर को तराशने में डीसीसीए की अहम भूमिका सफलता पर कोच ने जताई खुशी

फोटो में दिख रहे छतरपुर के वो शिल्पी हैं जिन्होंने क्रांति गौड़ को तराशा है, उनकी प्रतिभा पर सबसे पहले जिला छतरपुर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय चौरसिया और सचिव व सागर डिवीजन के कोच राजीव बिलथरे की नजर पड़ी. कोच राजीव बिलथरे ने बताया, "क्रांति शुरुआत से ही तेज और फुर्तीली थीं. मैंने उनके पिता से कहा कि वे क्रांति को छतरपुर में मेरे पास छोड़ दें. मैंने वादा किया कि मैं उनकी बेटी को एक अच्छा खिलाड़ी बनाऊंगा. तब उनके पिता ने कहा था कि हम अपनी बेटी आपको सौंप रहे हैं, इसका भविष्य आपको बनाना है. आज क्रांति की मेहनत और प्रतिभा ने भारतीय टीम की जीत में अहम रोल निभाया है, जो हम सभी के लिए गौरव का पल है. क्रांति छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं."

#वहीं जिला छतरपुर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय चौरसिया ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा शाबाश क्रांति, खुश कर दिया लड़की -आगे भी ऐसे ही कई शानदार पलों की कामना करता हूँ। देश को तुम पर गर्व है - भारत को गौरवान्वित करते रहो! क्रांति के कोच राजीव बिल्थरे ने क्रांति की मेहनत और अनुशासन की तारीफ करते हुए कहा कि वह भविष्य में और बड़े कीर्तिमान स्थापित करेंगी। क्रांति के इस दमदार प्रदर्शन के बाद छतरपुर जिले के खेलप्रेमियों में उत्साह का माहौल है और उनके द्वारा जश्न मनाया जा रहा है।