भाजपा प्रवक्ता पार्टी से निष्कासित,बयानवीर जानू पर एक्शन ! हर्षिनी कुल्हरी पर टिप्पणी के बाद 6 साल के लिए भाजपा से बाहर
कृष्ण कुमार जानू 6 साल के लिए बीजेपी से निष्कासित. हर्षिनी कुल्हरी की नियुक्ति पर सोशल मीडिया टिप्पणी को अनुशासन भंग माना गया

कृष्ण कुमार जानू ने कहा कि पार्टी का मौजूदा नेतृत्व लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, प्रवीण तोगड़िया, संजय जोशी और वसुंधरा राजे जैसे दिग्गज नेताओं को किनारे करने के लिए जिम्मेदार है और अब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कठपुतली बना दिया है।
जयपुर: राजस्थान भाजपा में अनुशासन भंग के मामले ने बड़ा रूप ले लिया है. पार्टी ने अपने प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण कुमार जानू को कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत 6 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. यह कार्रवाई भाजपा की प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने शुक्रवार को आदेश जारी कर की.
कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं:ओंकार सिंह लखावत की अध्यक्षता वाली प्रदेश अनुशासन समिति ने बताया कि 20 जून 2025 को कृष्ण कुमार जानू को पार्टी अनुशासन भंग करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. नोटिस में उनसे स्पष्ट और संतोषजनक जवाब मांगा गया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा के भीतर जानू ने कोई उत्तर नहीं दिया.
समिति के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के संविधान में वर्णित प्रावधानों के तहत जब कोई सदस्य अनुशासन भंग करता है और नोटिस का जवाब नहीं देता, तो आरोप स्वतः प्रमाणित हो जाता है. इसी आधार पर सक्षम स्तर की स्वीकृति के बाद उन्हें 6 साल के लिएप्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया.
सत्यपाल मलिक का अपमान हुआ – कृष्ण कुमार जानू
कृष्ण कुमार जानू ने कहा, ‘बीजेपी जमीनी स्तर पर लोकप्रिय जननेताओं के साथ जो कर रही है, वह बेहद दुखद है। पार्टी इन सबके जरिये गलत दिशा में जा रही है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि लोग चुप क्यों हैं।’ जानू ने कहा, “सत्यपाल मलिक के अंतिम संस्कार के दौरान जो अपमान हुआ, एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं दिया गया, यह इस बात का संकेत है कि सरकार पूर्वाग्रह से ग्रस्त है और डर के मारे ऐसा व्यवहार कर रही है।” उन्होंने आगे कहा कि जो डर के कारण अपने सिद्धांतों से समझौता करता है, वह जाट नहीं है।
कृष्ण कुमार जानू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पद छोड़ने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कोई भी विदाई भाषण या पार्टी नहीं दी गई। जानू ने कहा, ‘एक अहंकारी सरकार से टकराव करना जाटों का संस्कार है।’ उन्होंने बीजेपी के अंदर जाटों की आलोचना की और उनसे गलत के खिलाफ बोलने का आग्रह किया।