शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी : हसीना पर बड़ी आफत, ढाका की अदालत ने जारी किया वारंट

बांग्लादेश ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना और 29 अन्य पर जबरन गायब करने के दो मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी :  हसीना पर बड़ी आफत, ढाका की अदालत ने जारी किया  वारंट

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बीते साल देश भर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। उन्हें पद के साथ देश भी छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद से उन्होंने भारत में शरण ली 

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने बुधवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और कई अन्य के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। उन पर कथित जबरन गुमशुदगी के मामलों में मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोप हैं। ये मामले हसीना की अवामी लीग के शासनकाल के बताए जा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) की तीन सदस्यीय पीठ ने दो अलग-अलग मामलों में दायर आरोपपत्रों को स्वीकार किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन मामलों में शेख हसीना और 29 अन्य लोगों पर राजनीतिक विरोधियों को गोपनीय सुरक्षा एजेंसियों के ठिकानों पर बंदी बनाकर रखने, उन्हें यातना देने और जबरन गायब करने का आरोप लगाया गया है। पीठ का नेतृत्व न्यायाधीश एमडी गुलाम मुर्तजा मजूमदार कर रहे हैं। 

सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने बताया कि आईसीटी ने हसीना और अन्य आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं और अदालत में उनकी पेशी के लिए 22 अक्तूबर की तारीख तय की है। हसीना पिछले साल पांच अगस्त को पद छोड़ने के बाद भारत भाग गई थीं, जब देश में छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों ने उनकी अवामी लीग सरकार को गिरा दिया था।

पहले मामले में, अभियोजन पक्ष ने हसीना और उनके पूर्व सुरक्षा और रक्षा सलाहकार तारिक अहमद सिद्दीकी समेत 13 लोगों के खिलाफ पांच आरोप लगाए हैं। यह आरोप सैन्य खुफिया एजेंसी के संयुक्त पूछताछ केंद्र में कथित अपराधों से संबंधित हैं। अभियोजकों ने बताया कि इस मामले में मानवता के खिलाफ पांच अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।

दूसरे मामले में हसीना, सिद्दीकी और 15 अन्य के खिलाफ रैपिड एक्शन बटालियन की टास्क फोर्स इंटेरोगेशन यूनिट के एक गोपनीय सेल में बंदियों की गुमशुदगी और यातना के आरोप हैं। रिपोर्ट में अभियोजकों के हवाले से बताया गया है कि यहां भी मानवता के खिलाफ पांच आरोप दायर किए गए हैं। हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई मामले चल रहे हैं, जो पिछले साल देश में छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद अपदस्थ हो गई थीं