बीएसपी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी : एनडीए और महागठबंधन से आगे निकली बसपा , चुनावी समर में ताल ठोकने वाली पहली पार्टी बनी

मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव की विशेष जिम्मेदारी राष्ट्रीय संयोजक और अपने भतीजे आकाश आनन्द, केन्द्रीय कोआर्डिनेटर व राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम तथा पार्टी की बिहार इकाई को सौंपी है।

बीएसपी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी : एनडीए और महागठबंधन से आगे निकली बसपा , चुनावी समर में ताल ठोकने वाली पहली पार्टी बनी

बिहार के दोनों गठबंधनों में अब तक सीट शेयरिंग तय नहीं हुई है, लेकिन बीएसपी ने सबसे पहले तीन सीटों पर अपने कैंडिडेट्स के नाम घोषित कर दिए हैं

पटनाः बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन लेना शुरू कर दिया। चुनाव घोषणा से पहले बहन जी ने 4 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। भभुआ, मोहनियां, रामगढ़ और करगहर से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाली पहली पार्टी बन गई है। भभुआ सीट से लल्लू पटेल, मोहनियां (सुरक्षित) से ओम प्रकाश दीवाना, रामगढ़ सीट से सतीश यादव उर्फ पिन्टू यादव और करगहर सीट से पूर्व मंत्री रामधनी सिंह के बेटे उदय प्रताप सिंह को टिकट दिया गया। मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव की विशेष जिम्मेदारी राष्ट्रीय संयोजक और अपने भतीजे आकाश आनन्द, केन्द्रीय कोआर्डिनेटर व राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम तथा पार्टी की बिहार इकाई को सौंपी है।

भभुआ सीटः लल्लू पटेल

मोहनियां (सुरक्षित)-ओम प्रकाश दीवाना

रामगढ़ सीटः पिन्टू यादव

करगहर सीटः उदय प्रताप सिंह।

बहुजन समाज पार्टी के इस कदम से बिहार राजनीति में हलचल मच गई है। अभी तक एनडीए और महागठबंधन में सीट का बंटवारा भी नहीं हुआ है। मायावती ने प्रत्याशी की घोषणा कर राजनीति सरगर्मी तेज कर दी है। आपको बता दें कि ओम प्रकाश दीवाना भोजपुरी के गायक हैं। लल्लू पटेल भभुआ के जिला परिषद है। सतीश यादव के पिता अंबिका यादव राजद के पूर्व विधायक रह चुके हैं।

अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं, जिसके लिए उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी के हर स्तर की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक में गहन चर्चा व समीक्षा की गयी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने बल पर चुनाव लड़ने के फैसले के मद्देनज़र बैठक में आने वाले दिनों में पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा को भी अन्तिम रूप दिया गया।

मायावती ने कहा कि ये सभी कार्यक्रम उनके निर्देशन में होंगे और इसकी विशेष जिम्मेदारी आकाश आनन्द व केन्द्रीय कोआर्डिनेटर व राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम तथा पार्टी की बिहार इकाई को सौंपी गई है। बिहार बड़ा राज्य है और इसीलिए नई ज़रूरतों को देखते हुए सभी विधानसभा सीटों को तीन ज़ोन में बांट कर वरिष्ठ नेताओं को उसकी अलग-अलग ज़िम्मेदारी सौंपने का फैसला भी बैठक में लिया गया।

बसपा की 'आक्रामक' रणनीति: स्थानीय प्रभाव पर दांव

बसपा की इस रणनीति से साफ है कि पार्टी बिहार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए मजबूत और प्रभावशाली उम्मीदवारों पर दांव लगा रही है। इन उम्मीदवारों के चयन में स्थानीय प्रभाव, सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय लोकप्रियता को खास तौर पर ध्यान में रखा गया है। बसपा, जो पिछले कुछ चुनावों में बिहार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, वह अब इन उम्मीदवारों के माध्यम से दलित, अति पिछड़ा और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करने का प्रयास कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा की यह पहली सूची महागठबंधन (खासकर RJD) के लिए चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि वह उन सीटों पर मजबूती से उम्मीदवार उतार रही है, जहां RJD का पारंपरिक प्रभाव रहा है। आने वाले दिनों में बसपा की ओर से और उम्मीदवारों की घोषणा की उम्मीद है, जो बिहार के चुनावी समीकरण को और रोचक बना सकती है।