तेजस्वी बोले- मेरा और पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से गायब, चुनाव आयोग ने बताया बेबुनियाद - वोटर लिस्ट में मौजूद है 416 नंबर पर

बिहार में मतदाता सूची से लाखों नाम कटने के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में व्यापक धांधली हुई है और कई गरीबों के नाम जानबूझकर हटाए गए हैं. उन्होंने खुद का नाम भी सूची से गायब होने का दावा किया और चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग की है.

तेजस्वी बोले- मेरा और पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से गायब, चुनाव आयोग ने बताया बेबुनियाद - वोटर लिस्ट में मौजूद है 416 नंबर पर

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव का नंबर 416, चुनाव आयोग ने नाम न होने के दावे को किया खारिज

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग गोदी आयोग बन गया है। समय आने पर सबका हिसाब होगा।

बिहार में एसआईआर के बाद एक अगस्त को वोटर लिस्ट का मसौदा (ड्राफ्ट) जारी किया गया, जिसे लेकर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए है. तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारे सवाल से ईसी बच क्यों रहा है? ट्रांसपेरेंसी नहीं हैं. तेजस्वी ने दावा किया है कि मेरा नाम वोटर लिस्ट से कट गया है. मैंने गणना प्रपत्र भरा था, जो प्रकिया नाम चेक करने की है उसी के तहत चेक किया, तो मेरा नाम नहीं है. 

वोटर लिस्ट ड्राफ्ट पर क्या बोले तेजस्वी?

तेजस्वी ने कहा, "हम लोग शुरु से एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे. शुरु से हम लोग कह रहे थे कि गरीब मतदाताओं का नाम कटेगा. लाखों मतदाताओं के नाम काटे गए. मतदाता सूची से जिनका नाम कटा, उनका नाम क्यों नाम कटा उसकी जानकारी चुनाव आयोग देगा. ऐसा चुनाव आयोग ने कहा था. वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी कर तो दिया, लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई. दो लोग जो गुजराती हैं, वो जो कहेंगे उसी का नाम वोटर लिस्ट में आएगा."

तेजस्वी ने सुल्तानगंज विधानसभा का लिस्ट दिखाते हुए कहा कि इस लिस्ट में ये नहीं बताया गया है की जिनका नाम कटा है, वो किस कारण से कटा है. करीब साढ़े आठ प्रतिशत नाम काटे गए हैं. चुनाव आयोग ने इसमें ना तो बूथ ना वोटर का नाम दिया न एपिक नंबर दिया. तेजस्वी यादव ने ये भी सवाल किया कि क्या एसआईआर के दौरान क्या फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ? क्या बीएलओ तीन बार मतदाताओं के पास गए? जो 65 लाख मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से कटा क्या उनको या उनके किसी रिश्तेदार को नोटिस दिया गया था की नाम कटेगा? आप टारगेटेड काम कर रहे हैं. लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं. आखिर चुनाव आयोग मुख्य बातें क्यों छुपा रहा है? पारदर्शिता क्यों नहीं रखी गई? 

ये तानाशाही है लोकतंत्र नहीं- तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने प्रेस से बात करते हुए चुनाव आयोग से मांग की कि "ईसी बूथ वाइज लिस्ट पॉलिटिकल पार्टियों को दे. आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा बढ़ाई जाए, इसके लिए सिर्फ सात दिनों का वक्त दिया गया है. जिन 65 लाख मतदाताओं का नाम कटा उनका नाम जारी किया जाए. क्यों नाम कटा यह कारण बूथ वाइज बताया जाए. सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले. उनसे हमारी मांग है कि ईसी से पूरी जानकारी मांगें. ये तानाशाही है लोकतंत्र नहीं है. हम चुनौती देते हैं ज्ञानेश गुप्ता जी अगर आपने ट्रांसपेरेंसी रखा है, तो हमारे सवालों का जवाब दीजिए."