बिहार चुनाव में दशकों बाद स्वर्ण नेता के रूप उभरे प्रशांत किशोर, क्षेत्रीय व राष्ट्रीय दलों की हालत पतली

बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की धमाकेदार एंट्री से सभी बड़े दलों के समीकरण बिगाड़ने का काम किया है । यहां तक कि पहली बार चुनावी मैदान में उतरी जन सुराज पार्टी को लगभग दस फीसद वोट मिलने का अनुमान वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा लगाया जा रहा

बिहार चुनाव में दशकों बाद स्वर्ण नेता के रूप उभरे प्रशांत किशोर, क्षेत्रीय व राष्ट्रीय दलों की हालत पतली

बिहार का चुनाव तेजस्वी बनाम नीतीश हुआ, जेडीयू को फायदा राजद जस के तस

उरई । बिहार चुनाव रोचक मोड पर है सभी पार्टियों की ओर से मजबूती के साथ प्रचार किया जा रहा है। 2020 के चुनाव में राजद,जदयू,भाजपा, व कांग्रेस के साथ वामपंथी दल मैदान में ताल ठोक रहे थे । 2025 आते आते बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की धमाकेदार एंट्री से सभी बड़े दलों के समीकरण बिगाड़ने का काम किया है । यहां तक कि पहली बार चुनावी मैदान में उतरी जन सुराज पार्टी को लगभग दस फीसद वोट मिलने का अनुमान वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा लगाया जा रहा है । इससे किसको कितना नुकसान होगा यह भी आगे बताया जाएगा । वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी व उमाकांत लखेरा ने बिहार चुनाव के बारे साफ तौर कहा कि यह चुनाव क्षेत्रीय पार्टी बनाम क्षेत्रीय पार्टी हो गया यानि तेजस्वी बनाम नीतीश हो गया इससे मुकाबला कांटे का हो गया क्योंकि नीतीश की छवि बिहार में अभी भी अच्छी है । जबकि 20 वर्ष सरकार चलाने के बाबजूद यहां के लोग बुराई करते नहीं दिखते । वहीं तेजस्वी को युवा मतदाताओं का अच्छा खासा साथ मिल रहा है लेकिन युवाओं में महिला वर्ग अधिकांश नीतीश को पसंद कर रहा है । अब राष्ट्रीय दल भाजपा हो या कांग्रेस इन दोनों के नेताओं की चर्चा तो हो रही है लेकिन वोट में कितनी तब्दील होती है यह देखना होगा । बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक कुमार के द्वारा चुनाव तेजस्वी बनाम नीतीश हो जाने के कारण राष्ट्रीय दलों की चर्चा कम है यही नहीं इनका मानना है कि प्रशांत किशोर बिहार में वर्षों बाद एक मजबूत स्वर्ण नेता के रूप में उभरे है इनकी मजबूती जितनी अधिक होगी उतना ही अधिक राष्ट्रीय पार्टियों को हानि होने वाली है । इनका मानना है कि अभी एनडीए को 70 फीसदी और इंडिया को 30 फीसद नुकसान हो रहा है । लगभग 60 से 65 सीटे ऐसी है जिनमें जन सुराज पार्टी को 30 हजार से अधिक वोट मिल रहा है यही नहीं प्रशांत किशोर अधिकांश स्वर्ण वोट में सेंधमारी कर रहे है । इनका मानना है कि सरकार बनाने में इनकी भूमिका अहम होगी यदि एनडीए व इंडिया सरकार बनाने से दूर रहता है तो । वहीं कांग्रेस पिछले बार की तुलना में अधिक सीट जीतकर लाती है तो राजद मजबूत होगी इन विशेषज्ञों द्वारा राजद 2020 में जितनी सीटें लाई थी उसी के आस पास रहने का अनुमान है । कन्हैया भेलारी के अनुसार इस चुनाव में पिछले की तुलना में कांग्रेस बेहतर करने बाली है जबकि अभिषेक कुमार के अनुसार कांग्रेस 2020 के मुकाबले पिछड़ती नजर आ रही वहीं इन दोनों के अनुसार वामपंथी दल पिछले के मुकाबले बेहतर करेंगे ये पक्का है। इसके साथ साथ एनडीए ने जदयू 2020 से बेहतर करती दिख रही है वहीं भाजपा को प्रशांत किशोर कितना डैमेज करेंगे यह देखना होगा क्योंकि जन सुराज पार्टी जितना बढ़ेगी उतना भाजपा को नुकसान होगा इसलिए पिछली बार की तुलना में भाजपा कुछ सीटें कम होती दिख रही है। क्योंकि इसका मुख्य कारण जदयू का बढ़ना भी है । बिहार की राजनीति में वर्षों बाद कोई स्वर्ण नेता बहुत ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरकर दिग्गज नेताओं व राष्ट्रीय से लेकर वर्षों से पैर जमाए क्षेत्रीय दलों का मुकाबला करती दिख रही है । एनडीए व इंडिया के वोट पर भी भारी चोट कर रही है । विशेषज्ञ के अनुसार यह कोई आश्चर्य नहीं होगा कि जन सुराज पार्टी को 10 सीटे न मिल जाए । अगले 15 वर्षों तक प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में बड़ी ताकत के रूप रहने वाले है । इसके पूर्व प्रशांत किशोर राज्यो से लेकर केंद्र की सरकारें बनवाने की पार्टियों की कमान संभालते दिख रहे थे लेकिन 2023 में इन्होंने अपने लिए काम करना शुरू किया वो भी इतना मजबूत कि बड़े बड़े नेताओं के पसीने छुटवा दिया । बिहार चुनाव में एनडीए हो या महागठबंधन दोनों ही जन सुराज पार्टी की नजर रखे हुए है । वरिष्ठ पत्रकार उमाकांत लखेरा का मानना है कि 6 नवंबर को होने बाला पहला चरण यह बताएगा कि दूसरा चरण किस ओर मुड़ रहा है फिलहाल सभी दलों के नेता पूरी शक्ति के साथ चुनाव मैदान में प्रचार करते दिखाई दे रहे है ।