सीएम मोहन यादव ने किया ऐलान : एमपी में जिला पंचायत, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों को दिया बड़ा अधिकार
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला और वाटर शेड महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान, उन्होंने पंचायतों को आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया।
पंचायत उपाध्यक्षों को स्कूल निरीक्षण का बड़ा अधिकार, कलेक्टर को करनी होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला और वाटर शेड महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान, उन्होंने पंचायतों को आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया। भोपाल, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला और वाटर शेड महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान, उन्होंने पंचायतों को आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, "अगर भारत की आत्मा कहीं बसती है, तो वह इसके गांवों में है। मध्य प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से बड़ा राज्य है और यहां भी बड़ी आबादी गांवों में रहती है। सरकार का मकसद लोगों की समस्याओं को समझना और उन्हें हल करना है। गांवों में सभी प्रकार की शासन की सुविधाओं के लिए पंचायत एक महत्वपूर्ण इकाई होती है।" उन्होंने कहा कि विकास के मामले में जब मध्य प्रदेश आगे बढ़ना चाहता है, तो ऐसे में 2047 का 'समृद्ध मध्य प्रदेश' बनाने की भूमिका कार्यक्रम के दौरान विचार-मंथन से सामने आएगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शैक्षणिक संस्थानों में जिला या जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष के इंस्पेक्शन को रिकॉर्ड किया जाएगा और उनकी सिफारिशों को लागू किया जाएगा। सीएम मोहन यादव ने 'जल गंगा संरक्षण' अभियान के बारे में जानकारी दी कि अभी तक राज्य के जिले स्वच्छता के मामले में आगे रहे हैं, लेकिन 'पेयजल' और 'भूजल' को लेकर 'जल गंगा संरक्षण' अभियान के माध्यम से खंडवा जिला अपनी भूमिका को लेकर आगे आया है। इस कार्यक्रम को लेकर मध्य प्रदेश के पंचायती राज मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "सोमवार को अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों और राज्यस्तरीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय कार्यशाला में सहभागिता कर 'आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश' के प्रति फिर से संकल्प दोहराया।" उन्होंने कहा, "प्रदेश निश्चित रूप से ग्रामीण विकास की नई परिभाषा गढ़ते हुए एक नए ग्रामोदय युग में प्रवेश करेगा, जहां विकास की रोशनी गांवों की चौपालों से लेकर खेतों-खलिहानों तक समान रूप से फैलेगी।"
सीएम मोहन यादव ने कहा-
जिला पंचायतों और जनपद पंचायतों के उपाध्यक्ष, शिक्षा समिति के अध्यक्ष तो हैं लेकिन ये स्कूल में जाते हैं तो उनका जाने नहीं जाने का कोई महत्व नहीं होता… अब इनका निरीक्षण न केवल लिपिबद्ध होगा बल्कि वो सार्थक भी होगा… उनको ये अधिकार देंगे…ताकि इसके माध्यम से शिक्षा संस्थान में वे कोई कमी देखते हैं, कोई बात रेखांकित करते हैं तो जिला कलेक्टर, जिला पंचायत, जनपद पंचायत उनकी बातों को गंभीरता से ले…
पंचायतों की सारी जरूरतें पूरी करेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का भाव आपकी कठिनाइयों को समझकर उसका हल निकालना है। आज प्यासा कुएं के पास नहीं आया है, कुआं प्यासे के पास आया है। सरकार आपकी सारी जरूरतें पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे यहां शुरू से ही तालाब, पोखर, बावड़ी, कुएं की व्यवस्था थी। लेकिन, हमें इन्हें सहेजने के काम को कर्म कांड की तरह नहीं लिया, बल्कि तीन महीने तक सतत अभियान चलाया। इन्हीं की बदौलत राज्य को पुरस्कार मिले। पानी की बूंद-बूंद अहम है। जल से हमारा संबंध प्राण और आत्मा का है। जल के पास जाते ही हमें अलग तरह का अहसास होता है। जल की रचना कुछ ऐसी है कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन ज्वार-भाटा आते हैं। डॉक्टर और अस्पताल वाले भी इन तिथियों में अधिक मरीज आने की संभावना रखते हैं। प्रदेश सरकार ने पंचायतों के माध्यम से एक बगिया मां के नाम की शुरुआत की है। राज्य सरकार ने सरपंचों को 25 लाख तक की राशि खर्च करने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है आगे और कार्य करेंगे।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस