दलित भाइयों से भेदभाव करने वाले सच्चे हिंदू नहीं : महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज

पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने कहा कि दलितों से भेदभाव करने वाले सच्चे हिंदू नहीं हैं। उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को समानता और सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है।

दलित भाइयों से भेदभाव करने वाले सच्चे हिंदू नहीं : महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज

दलितों से भेदभाव करने वाले सच्चे हिंदू नहीं, सबको साथ लेकर चलना ही सच्चा हिंदुत्व — स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज

भोपाल। पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज समाज में फैली कुरीतियाँ और भेदभाव की भावना बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों के विपरीत हैं। बाबा साहब ने प्रत्येक प्राणी को स्वतंत्र और सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान रचयिता बाबा साहब ने हर व्यक्ति को स्वतंत्रता दी है, इसलिए किसी भी जाति या समाज के प्रति दुर्भावना रखना, ईगो पालना या दूषित विचार रखना अनुचित है।

स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने स्पष्ट कहा कि जिन लोगों को आज समाज ‘दलित’ कहता है, वे हमारे अपने भाई हैं। वे मेरे हृदय के निकट हैं, गले लगाने योग्य हैं। जो उनके साथ छुआछूत और दुर्भावना फैलाता है, वह इस देश का दुश्मन और गद्दार है।

उन्होंने आगे कहा कि सच्चा हिंदू वही है जो हर परिस्थिति में हिंदुत्व का प्रचार करे और सबको साथ लेकर चले। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कभी हिंदुत्व में बदलाव करने की बात नहीं की, बल्कि उन्होंने सभी धर्मों में एकता और समानता का भाव रखने की बात कही थी ।

महामंडलेश्वर ने सर्वधर्म सम्मान का संदेश देते हुए कहा कि समाज में सभी संतों और गुरुओं, जैसे रविदास, रैदास, वाल्मीकि, परशुराम, विश्वामित्र, महाराणा प्रताप, सभी का आदर होना चाहिए। जातिगत भावनाओं के आधार पर लोगों को बांटना देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने आह्वान किया कि “लोगों को बांटने का नहीं, जोड़ने का कार्य करें। एकता का भाव रखें और उसी दिशा में कार्य करें। बाबा साहब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के कारण ही आज हम स्वतंत्रता से जीवन जी रहे हैं। यह स्वतंत्रता अद्वितीय है और इसका सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है।