भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ीं, वकीलों ने छोड़ा पाठक का केस,443 करोड़ के अवैध खनन का कच्चा चिट्ठा!

मध्य प्रदेश की सत्ता के गलियारों में भूचाल ला देने वाला खुलासा हुआ है. अब तक जो बात सिर्फ कानाफूसी में सुनी जाती थी, अब हाईकोर्ट ने उसे लिखित रूप में दर्ज कर लिया है. हाईकोर्ट के एक जज ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष के एक विधायक ने अदालत को प्रभावित करने की कोशिश की

भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ीं, वकीलों ने छोड़ा पाठक का केस,443 करोड़ के अवैध खनन का कच्चा चिट्ठा!

जून 2025 में एक याचिका आई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि संजय पाठक के परिवार की कंपनियों के खिलाफ EOW में शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है. पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक संजय पाठक पर विवादों का यह इकलौता साया नहीं है.

अवैध खनन से जुड़े चर्चित मामले में भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि उनके नजदीकी रिश्तेदार ने सीधे हाईकोर्ट जज को फोन किया था। इस घटना के सामने आने के बाद पाठक का पक्ष रखने वाले कई वकीलों ने मुकदमा छोड़ दिया है। मामला कटनी की कंपनियों से जुड़ा है, जिन पर 443 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अवैध खनन से जुड़े बहुचर्चित प्रकरण में भाजपा विधायक संजय पाठक की कानूनी दिक्कतें और गहराती जा रही हैं। होई कोर्ट जज को सीधे फोन लगाने के मामले के खुलासे के बाद पाठक का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं ने भी उनके मुकदमों से दूरी बना ली है। 1 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय में यह तथ्य सामने आया कि विधायक पाठक की ओर से एक नजदीकी रिश्तेदार ने सीधे न्यायाधीश से संपर्क किया था। केस की सुनवाई में ही जस्टिस विशाल मिश्रा ने भी इसका खुलासा किया था और वह मामले से अलग हो गए। इस घटना की जानकारी अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने लिखित रूप से उच्च न्यायालय को दी। इसके बाद अंशुमान सिंह ने भी पाठक के मुकदमे से हाथ खींच लिए। बताया जा रहा है कि पाठक से जुड़ी कंपनियों के मामले देख रहे चार और वकीलों ने भी वकालतनामा वापस ले लिया है।

यह पूरा मामला जनवरी 2025 का है। कटनी निवासी आशुतोष उर्फ मनु दीक्षित ने ईओडब्ल्यू को शिकायत दी थी। इसमें निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन और पैसिफिक एक्सपोर्ट्स नाम की कंपनियां बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर रही हैं। जांच में आरोप सही पाए जाने पर सरकार ने इन कंपनियों पर 443 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया था। इसके खिलाफ कंपनियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की हुई है।

443 करोड़ की पैनल्टी वसूलने की कार्यवाही शुरू

राज्य शासन से मिले निर्देशों के अनुसार सिहोरा की खदानों में तय मात्रा से ज्यादा खनन के प्रकरण में लगाई गई 443 करोड़ रुपए की पेनल्टी राशि वसूलने की कार्यवाही शुरू की गई है। फर्मों के संचालकों को इसके लिए मांग पत्र जारी किए गए हैं। -

-एके राय, खनिज अधिकारी, जबलपुर।

विवादों के साये में रहे हैं पाठक 

पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक संजय पाठक पर विवादों का यह इकलौता साया नहीं है. पाठक पर सहारा समूह की जमीन को औने-पौने दाम में खरीदने का आरोप भी लग चुका है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने आरोप लगाया था कि पाठक ने भोपाल, जबलपुर और कटनी में सहारा की 310 एकड़ जमीन मात्र 90 करोड़ रुपए में खरीदी, जिसका बाजार मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपए था. आरोप यह भी है कि रजिस्ट्री के समय आवासीय जमीन को कृषि भूमि बताकर स्टाम्प ड्यूटी चोरी की गई. ईओडब्ल्यू इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर चुकी है.