विदिशा नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: प्रीति शर्मा पर अविश्वास की तलवार : विकास ठप, भ्रष्टाचार के आरोप भारी
नगर पालिका के कुल 39 वार्डों में से 38 पार्षद एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए कलेक्टर अंशुल गुप्ता को ज्ञापन सौंपा।

अध्यक्ष प्रीति शर्मा के कार्यकाल पर उठे सवाल
नगर विकास ठप, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
पार्षदों में गुस्सा, शहरवासियों में बढ़ा आक्रोश
विदिशा नगर पालिका में सियासी घमासान तेज
अध्यक्ष प्रीति शर्मा के कार्यकाल में शहर का विकास पूरी तरह ठप हो गया है। जो कुछ काम हुए भी हैं, उनमें भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आए हैं।
विदिशा नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, 38 पार्षद एकजुट
विदिशा नगर पालिका परिषद में पिछले कई महीनों से चल रही खींचतान अब चरम पर पहुंच गई है। गुरुवार को यह विवाद उस समय बड़ा मोड़ लेता दिखा, जब नगर पालिका के कुल 39 वार्डों में से 38 पार्षद एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए कलेक्टर अंशुल गुप्ता को ज्ञापन सौंपा।
विदिशा नगर पालिका में बड़ा सियासी संकट, 39 में से 38 पार्षद नपाध्यक्ष प्रीति शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार, सभी पार्षद पहले एक होटल में इकट्ठा हुए, जहां आपसी सहमति से यह निर्णय लिया गया कि अध्यक्ष को हटाने के लिए सामूहिक रूप से कलेक्टर को आवेदन सौंपा जाएगा। इसके बाद सभी पार्षद कलेक्ट्रेट पहुंचे और औपचारिक रूप से आवेदन सौंप दिया।
पार्षदों का आरोप
अध्यक्ष प्रीति शर्मा के कार्यकाल में शहर का विकास पूरी तरह ठप हो गया।जो कुछ काम हुए, उनमें भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आए हैं।
जनता ने पार्षदों को विकास के लिए चुना था, लेकिन न विकास कार्य हुए और न पारदर्शिता रही।
पार्षद रोशनी सूरज किरार ने आरोप लगाया कि नगर पालिका अध्यक्ष जमकर भ्रष्टाचार कर रही हैं और इसी कारण 38 पार्षद एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।
वहीं, पार्षद सपना राजेश जैन ने कहा कि हमारी मांग है कि नगर पालिका का नेतृत्व ऐसा हो जो शहर के विकास को प्राथमिकता दे।
आगे की प्रक्रिया
कलेक्टर को सौंपे गए दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया तय होगी। अब देखना होगा कि इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद नपाध्यक्ष प्रीति शर्मा अपनी कुर्सी बचा पाती हैं या विदिशा की राजनीति में नया मोड़ आता है।