उमा भारती ने भरी हुंकार: 65 की भी नहीं हुई, पीएम मोदी का उदाहरण देकर बोलीं- चुनाव लड़ूंगी,सियासत में हलचल
उमा भारती का कहना है कि उनकी उम्र अभी 65 साल से कम है और वह सही समय पर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में योगदान की कोई उम्र नहीं होती।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने तर्क देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने 65 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव लड़ा था। मैं अगले साल 65 साल की हो जाऊंगी। अगर मैं अभी कोशिश करूंगी, तो मुझे कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ेगा।
MP News: रिटायरमेंट की आयु पर मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता उमा भारती ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसने हर किसी को चौंका दिया है। उमा भारती के बयान से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। उनका बयान चुनाव लड़ने का एक इशारा समझा जा रहा है। बता दें कि, एक इंटरव्यू में उमा भारती ने रिटायरमेंट पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, "कोई भी संगठन, राजनीतिक दल, संस्था सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित कर सकती है, लेकिन योगदान की नहीं। योगदान के लिए कोई उम्र तय नहीं की जा सकती। राजनीति एक मंच है, जहां योगदान देने की क्षमता ही असली पहचान है।"
मैं 65 वर्ष से अधिक नहीं हुई: उमा भारती
उमा भारती ने कह कि, मैं अभी 65 वर्ष से अधिक नहीं हुई हूं, लेकिन मैं तब चुनाव लड़ूंगी जब मुझे लगेगा कि मैं इसके लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि, यदि वे संसदीय चुनाव लड़ती है तो जनता की सेवा और समस्याओं को हल करना उनकी जिम्मेदारी होगी और अगर मंत्री बनती हैं तो एक अलग जिम्मेदारी निभानी होगी। इस कारण वे अपने वर्तमान समर्पित कार्य को पूरा नहीं कर पाएंगी। मैं अपनी प्रतिबद्धता के प्रति काफी ईमानदार हूं। अगर मैं सांसद बन गई तो अपना पूरा समय जनता को दूंगी। इस तरह मंत्री बनना भी बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए अभी चुनाव मेरे लिए बाधा है।
तो मैं लड़ूंगी चुनाव
खुद को आत्मनिर्भर बताते हुए उमा भारती ने कहा कि, मैं स्पष्ट लक्ष्यों और दृढ़ संकल्प वाली शख्सियत हूं। अगर चुनाव लड़ने से ये लक्ष्य पूरा होता है तो मैं चुनाव लड़ूंगी, अगर नहीं होता है तो नहीं लड़ूंगी।
जीतू पटवारी को कहा बेचारा
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान पर, भाजपा नेता उमा भारती ने कहा, "जीतू पटवारी को खुद नहीं पता कि वह क्या कह रहे हैं। वह बिना सोचे-समझे बोलते हैं। वह बेचारे हैं। वह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एकमात्र नेता हैं क्योंकि पार्टी खत्म हो चुकी है। कई कांग्रेस नेता सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नेताओं की नई पीढ़ी भाजपा में शामिल हो रही है और जो भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं, वे कांग्रेस में ही रह गए हैं।"