पूर्व मंत्री अनिल जोशी कांग्रेस में शामिल, कुछ दिन पहले राहुल गांधी से की थी मुलाकात,भूपेश बघेल व प्रधान सहित विपक्षी दल के नेता रहे मौजूद

पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री आखिरकार बुधवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो ही गए। अनिल जोशी ने बीते दिनों ही दिल्ली जाकर राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की थी और उसके बाद साफ हो गया था कि वे कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। अनिल जोशी भाजपा से दो बार विधायक रहने के साथ ही पंजाब के कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं

पूर्व मंत्री अनिल जोशी कांग्रेस में शामिल, कुछ दिन पहले राहुल गांधी से की थी मुलाकात,भूपेश बघेल व प्रधान सहित विपक्षी दल के नेता रहे मौजूद

अनिल जोशी को पंजाब में बड़ा हिंदू चेहरा माना जाता है। जोशी ने कुछ दिन पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की थी।  

पंजाब में कांग्रेस को बुधवार को बड़ी कामयाबी तब मिली, जब पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने पार्टी का हाथ थाम लिया। अनिल जोशी पंजाब की शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार में मंत्री रहे थे। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पंजाब में पार्टी के प्रभारी भूपेश बघेल सहित तमाम नेताओं ने जोशी का स्वागत किया।

पंजाब में 2027 की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था लेकिन इस बार पार्टी फिर से पंजाब की सत्ता में आने के लिए ताकत झोंक रही है।

बीजेपी के बाद शिअद में गए थे जोशी

जोशी को 2021 में बीजेपी ने निष्कासित कर दिया था और वह शिरोमणि अकाली दल (बादल) में शामिल हो गए थे। जोशी 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर अमृतसर उत्तर से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्हें 2012-2017 के दौरान अकाली-भाजपा शासन के दौरान स्थानीय निकाय, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री बनाया गया था। उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव अमृतसर सीट से शिअद के टिकट पर लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। 

जोशी ने पिछले साल नवंबर में शिअद से इस्तीफा दे दिया था। इस साल जून में जोशी लुधियाना में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की उपस्थिति में फिर से शिअद में शामिल हो गए थे लेकिन उनकी यह पारी लंबी नहीं चली और अब वह कांग्रेस में आ गए हैं। 

तरनतारन से उम्मीदवार हो सकते हैं जोशी

अनिल जोशी को पंजाब में बड़ा हिंदू चेहरा माना जाता है। खबरों के मुताबिक, जोशी को कांग्रेस तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी बना सकती है। तरनतारन सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है।

अनिल जोशी का जाना बीजेपी के लिए कितना बड़ा झटका?

अनिल जोशी अमृतसर नॉर्थ से दो बार के विधायक रहे हैं. वह बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनका महत्व न केवल उनके मंत्री पद के अनुभव में निहित है बल्कि उनके चुनावी प्रभाव में भी है. सरकार में रहते हुए उन्होंने स्थानीय निकाय और चिकित्सा शिक्षा जैसे विभाग संभाले हैं.

2024 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला ने केवल 28.18% वोटों के साथ जीती थी. आप के कुलदीप सिंह धालीवाल (23.73%) दूसरे स्थान पर रहे थे. बीजेपी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू 22.88% वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जबकि अनिल जोशी को 18% वोट मिले. अगर जोशी मैदान में नहीं होते तो संधू की जीत की संभावना ज़्यादा होती.

बीजेपी ने लिया था अनिल जोशी के खिलाफ एक्शन

बीजेपी ने अनिल जोशी को 2021 में निष्कासित कर दिया था. उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना की थी.

बीजेपी की कार्रवाई के बाद वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए, लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. हैरानी की बात यह है कि 2024 में सुखबीर सिंह बादल की मौजूदगी में वह कुछ समय के लिए अकाली दल में फिर से शामिल हुए और उसके कुछ ही महीने बाद ही कांग्रेस में शामिल हो गए