सूरत में ऐतिहासिक धार्मिक समागम: अजमेर दादावाड़ी के लिए चांदी कलश यात्रा और भगवान नेमिनाथ जन्मोत्सव
संघ के वरिष्ठ सदस्य चम्पालाल बोथरा ने बताया कि आज के इस दोहरे और अनूठे लाभ में सैकड़ों लोगों ने उत्साह से भाग लिया और युगप्रधान दादागुरुदेव तथा परमात्मा नेमिनाथ के जन्मकल्याणक में अपनी श्रद्धा-भक्ति का परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में संघ ने स्वामिवात्सल्य का भी आयोजन किया, और आज के सभी प्रोग्राम की सभी ने सराहना की।

सूरत की पावन भूमि पर, बाड़मेर जैन श्री संघ सर्वमंगलमय वर्षावास 2025 कुशल दर्शन दादावाड़ी में रविवार का दिन जैन धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक सौभाग्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहा। इस दिन दो दिव्य कार्यक्रमों ने श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति, भाव और गौरव का संचार किया।
अजमेर श्री जिनदत्तसूरीजी दादावाड़ी हेतु भव्य चांदी कलश यात्रा: एक ऐतिहासिक अध्याय
रविवार को अजमेर स्थित प्राचीन श्री जिनदत्तसूरी दादावाड़ी के भव्य जीर्णोद्धार हेतु एक विशेष चांदी कलश यात्रा निकाली गई, जिसने एक नया ऐतिहासिक अध्याय जोड़ा।
पूज्य गुरुदेव श्री जिनपीयूषसागरजी म.सा. ने स्वयं इस कलश को विशेष सूरी-मंत्रों से अभिमंत्रित किया। साधु और साध्वी जी ने वाक्षेप (आशीर्वाद स्वरूप चावल आदि बिखेरना) दिया, जिसके बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से सोने-चांदी के सिक्के डालकर अपनी गुरु भक्ति का परिचय दिया।
पू. मुनि श्री शाश्वतसागरजी म.सा. ने इस अवसर पर बताया, "871 वर्षों बाद यह दादावाड़ी पुनः भव्य रूप में प्रतिष्ठित होने जा रही है। यह गुरु भक्ति, त्याग, श्रद्धा और तप की पुन: पहचान है – जिसे तपस्विनी शासन प्रभाविनी पू. म. सा. श्री मनोहरश्रीजी म.सा. की 22 वर्षों की तपश्चर्या और प्रेरणा से संभव बनाया गया है।"
यह कलश यात्रा अब पूरे भारत से भक्तों की आस्था जोड़ते हुए देश के प्रमुख नगरों में भ्रमण करेगी। यहाँ संघों और उपाश्रयों में इसे स्थापित कर श्रद्धालु चांदी और सोने के सिक्कों से इसे भरेंगे। इस कलश को 4 सितंबर 2025 को अजमेर में होने वाले शिलान्यास मुहूर्त में कलश के चाँदी सोने और जवाहरात आदि को पूरा जाएगा।
भगवान नेमिनाथ जन्मकल्याणक महोत्सव: संयम, वैराग्य और आस्था का पर्व इसी दिन 22वें तीर्थंकर भगवान श्री नेमिनाथ जी का जन्मकल्याणक महोत्सव अत्यंत भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया ।
"भगवान नेमिनाथ क्षत्रिय कुल में जन्म लेकर संसार के मोह-माया को त्याग कर आत्म-कल्याण का मार्ग दिखाते हैं। उनका जीवन संयम और त्याग का आदर्श है।" संघ के सदस्यों ने भगवान के जन्म से लेकर दीक्षा तक के प्रसंगों को नाट्य मंच पर प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। अवनीश राठौड़ के सुमधुर भजनों ने पूरे पंडाल को भक्ति से सराबोर कर दिया।
संघ के वरिष्ठ सदस्य चम्पालाल बोथरा ने बताया कि आज के इस दोहरे और अनूठे लाभ में सैकड़ों लोगों ने उत्साह से भाग लिया और युगप्रधान दादागुरुदेव तथा परमात्मा नेमिनाथ के जन्मकल्याणक में अपनी श्रद्धा-भक्ति का परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में संघ ने स्वामिवात्सल्य का भी आयोजन किया, और आज के सभी प्रोग्राम की सभी ने सराहना की।
संकलन
चम्पालाल बोथरा सूरत