भाजपा सरकार में खाद कालाबाजारी, आर्थिक मंदी और अलोकतांत्रिक रवैया,प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर कसा तंज
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हित में कभी नहीं रही और प्रदेश भर में खाद की कालाबाजारी और कृत्रिम संकट से किसान परेशान हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर आर्थिक मंदी, लोकतंत्र और संविधान पर आघात पहुंचाने का आरोप भी लगाया। प्रमोद तिवारी ने संसद में संसदीय मर्यादा की अवहेलना और संविधान संशोधन विधेयक को जेपीसी में बिना चर्चा भेजने की निंदा की। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षशासित राज्यों पर दबाव और सहयोगी दलों को नियंत्रित करने के प्रयासों पर भी सवाल उठाए। वहीं, उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं और जनता से विकास परियोजनाओं में मेहनत करने और फरियादियों की सुनवाई करने की अपील की।

सुनील त्रिपाठी
खाद की कालाबाजारी रोकने में अक्षम साबित हो रही है सरकार-प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने मोदी सरकार पर तानाशाही का जड़ा आरोप, मंहगाई व आर्थिक मंदी पर की घेराबंदी
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि भाजपा को किसानों की कभी भी चिन्ता नही रही है। उन्होने कहा कि इस समय प्रदेश भर में खाद के लिए किसान दर दर भटक रहा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि यूरिया खाद के कृत्रिम संकट व कालाबाजारी पर रोक लगाने में सरकार ओैर प्रशासन पूरी तरह विफल है। सोमवार को लालगंज स्थित कैम्प कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होने कहा कि गोदामों व समितियों पर खाद के लिए किसानांे की लग रही लंबी लाइनें सरकार के दावे की पोल खोल गया है। उन्होने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार खाद भण्डारण का सिर्फ दावा कर रही है। उन्होने सवाल उठाया कि अगर ऐसे मंे खाद की कालाबाजारी हो रही है तो इसके लिए सरकारी तंत्र को क्यों नही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ग्यारह वर्ष के अपने कार्यकाल में सिर्फ मुददो पर जनता को भटकाने का ही फरेब रचती आ रही है। उन्होने ग्लोबल चार की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में आर्थिक मंदी के दौर मे भारत की तस्वीर बेहद चिन्ताजनक उभरकर आयी है। उन्होने कहा कि इस समय भाजपा राज में लोकतंत्र तथा संविधान पर पहुंचाया जा रहा आघात सबसे बड़ी राष्ट्रीय चिन्ता है। उन्होने कहा कि संसद के मानसून सत्र में सदन के अंदर मार्शल तक को बुलवाकर मोदी सरकार ने संसदीय मर्यादा को तार तार बना दिया। उन्होने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक पर बिना चर्चा के उसे जेपीसी में भेजना भी पूरी तरह सरकार का अलोकतांत्रिक चेहरा बेनकाब कर गयी है। उन्होने कहा कि एसआईआर पर चर्चा तक के लिए मोदी सरकार इसलिए राजी नही हुई कि उसे वोट चोरी के संस्थागत हथकण्डे की कलई खुलने का भय सता रहा था। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक का मकसद सिर्फ बीजेपी का खुद को सत्ता में बनाए रखने का हथकण्डा मात्र है। उन्होने कहा कि भाजपा का निर्देश लेकर ईडी और सीबीआई जिस तरह से अपनी स्वायतता खत्म कर रही है उससे विपक्ष और देश इस विधेयक को लेकर विरोध में खड़ा हुआ है। उन्होने कहा कि भाजपा अंग्रेजो के सौ साल पहले बिना मुकदमे के लोगों की गिरफ्तारी के रॉलेट एक्ट को दोहरा कर देश में लोकतंत्र और संविधान को दिखावा मात्र बनाना चाहती है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार का यह विधेयक विपक्षशासित राज्यों की सरकारों को झूठे मुकदमें थोपकर अस्थिर करने का प्रयास तो है ही बल्कि इसके पीछे भाजपा अपने सहयोगी दलों को भी दबाव मंे बनाए रखने का मंसूबा पाले है। इसके पहले राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कैम्प कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। यहां उन्होने क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना द्वारा संचालित करायी जा रही विकास परियोजनाओं में मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं से कडी मेहनत करने को कहा। कार्यालय पहुंचे फरियादियों की भी राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सुनवाई की। नगर के संगम चौराहे पर चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी तथा ब्लाक प्रमुख इं. अमित सिंह पंकज की अगुवाई में कार्यकर्ताओ व स्थानीय लोगों ने राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होने वर्मा नगर, रायपुर तियांई, रानीगंज कैथौला में लोगों से भी मुलाकात की। इस मौके पर प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल महेश, केडी मिश्र, छोटे लाल सरोज, दारा सिंह, बीडी पटेल, पन्नेलाल पाल, आशीष कौशल, बृजेश द्विवेदी, शेरू खां, मुरलीधर तिवारी, पप्पू तिवारी, रामू मिश्र आदि रहे।